** प्राइमरी स्कूलों पर बिजली बिल के 5 से 30 हजार तक बकाया, एक साल में विभाग ने भेजे महज 1200 रुपए
रेवाड़ी : प्राइमरी स्कूलों में बिजली बिल के लिए पिछले कई माह से बजट नहीं पहुंचा, इसलिए कुछ सौ से शुरू हुई बिल की राशि बढ़कर कई हजारों में पहुंच गई है। बिजली निगम द्वारा हर माह स्कूल को बिल जरूर थमा दिया जाता है, मगर बजट नहीं आने से बिल स्कूल बिल नहीं भर रहे। कई माह से बिल नहीं भरने के कारण निगम के लिस्ट में डिफाल्टर हुए स्कूलों पर अब निगम अधिकारियों ने गाज गिरानी शुरू कर दी है। निगम की ओर से डिफाल्टर स्कूलों के कनेक्शन काटने शुरू कर दिए गए हैं। विभाग अधिकारियों की लापरवाही निगम की कार्रवाई भविष्य में सैकड़ों स्कूलों की परेशानी बढ़ा सकती है।
शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों में बिजली बिलों के लिए बजट भेजा जाता है। यह राशि जिला मुख्यालय के माध्यम से स्कूलों तक पहुंचती है। मगर बहुत से स्कूलों में पिछले करीब एक साल से बजट ही नहीं आया है। इस कारण काफी स्कूलों की आेर से कई महीनों के बिलों का भुगतान नहीं किया जा सका है। इस कारण बिजली बिल की राशि में लगातार इजाफा हो रहा है। स्कूलों में एक स्कूल में हर माह करीब 300 से 400 रुपए तक बिल अा जाता है। पिछले बजट पर गौर करें तो सालभर पहले एक स्कूल के लिए करीब 1200 रुपए का बजट भेजा गया। मगर यह स्कूलों के बिल भरे जाने के लिए नाकाफी रहा। इस राशि को जमा कराने के बाद भी बिल के हजारों रुपए बकाया रहे। इस कारण निगम ने अब स्कूलों के कनेक्शन काटने शुरू कर दिए हैं।
ऐसे ही स्कूल में शामिल है खोरी का प्राइमरी स्कूल। इसका बिल 31567 पहुंच गया। लगातार बिल जमा नहीं होने के कारण आखिर सप्ताहभर पूर्व निगम की ओर से स्कूल का कनेक्शन कट कर दिया गया। इसके अलावा कुंड के प्राइमरी स्कूल का कनेक्शन करीब 5 माह पूर्व ही काटा जा चुका है। इसके अलावा जिला में अन्य स्कूलों में भी निगम ने गाज गिरानी शुरू कर दी है।
शिक्षकों ने जेब से तो कहीं बिल्डिंग फंड से भी भरे बिल
जिला के बहुत से स्कूल ऐसे भी हैं जहां विभाग के बजट राशि भेजे बिना भी बिल भरे गए। इन स्कूलों में या तो बिल्डिंग फंड के रूप में आई राशि से बिल जमा करा दिए या फिर शिक्षकों ने ही अपनी जेब से पैसे खर्च कर बिल भर दिए। शिक्षकों को उम्मीद थी कि जब विभाग बिजली बिल के लिए राशि भेजेगा तो उसमें से एडजस्ट कर लिया जाएगा, मगर अभी तक बजट नहीं आने के कारण यह पेंडिंग है।
दोमाह बाद होगी समस्या
प्राइमरी स्कूलों में बिजली आधारित विशेष काम नहीं होने के कारण फिलहाल कनेक्शन काटे जाने पर भी बेशक कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। मगर 2 माह बाद स्कूलों में परेशानी शुरू हो जाएगी। क्योंकि मई माह की शुरूआत से ही गर्मी में पंखों की जरूरत होगी। इसके अलावा कमरों में रोशनी के लिए लाइटों की भी जरूरत होती है।
डिमांड भेजी है, बजट आते ही होगी अदायगी : डीईईओ
"स्कूलोंके बिजली बिलों को लेकर विभाग को बजट की डिमांड भेजी हुई है। बजट आते ही स्कूलों को राशि भेज दी जाएगी। इसके बाद बिजली बिलों की समस्या का समाधान हा़े जाएगा। वैसे कई बार स्कूलों की ओर से डिमांड में लेटलतीफी से भी समस्या आती है।"-- आरपीसांगवान, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, रेवाड़ी। db
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