परीक्षा ड्यूटी में निष्पक्षता को बढ़ाने के उद्देश्य के साथ शिक्षा विभाग ने अपनी व्यवस्था में बदलाव किया है। नई व्यवस्था के अंतर्गत अब कक्षा पहली से 8वीं क्लास के एग्जाम में इस बार अपने स्कूल के टीचर ड्यूटी नहीं देंगे बल्कि अन्य स्कूलों के टीचरों की ड्यूटी लगाई जाएगी। बोर्ड के एग्जाम के अलावा, पहली से 8वीं के एग्जाम पर भी इस बार खासतौर पर ध्यान दिया जा रहा है। इस बार प्राइमरी और मिडल स्कूलों में भी नकल पर रोक लगाने की पहल की जा रही है। इसमें आस-पास के प्राइमरी स्कूलों के टीचर एक-दूसरे के स्कूल में एग्जाम ड्यूटी देंगे। यह परीक्षाएं मार्च माह में आयोजित की जानी है।
गंभीरता के लिए उठाया कदम :
राइटटू एजुकेशन के तहत पहली से 8वीं के बच्चों को फ्री एजुकेशन के साथ-साथ फेल करने का प्रावधान भी है। ऐसे में टीचर और बच्चे दोनों ही पढ़ाई और एग्जाम को गंभीरता से नहीं लेते, लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा इस बार पहले तो प्राइमरी और मिडल स्कूलों में मंथली एग्जाम शुरू किए और अब एग्जाम टाइम में दूसरे स्कूलों के टीचरों की ड्यूटी लगाई जाएगी। इस संदर्भ में शिक्षा विभाग की ओर से सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को इस बाबत व्यवस्था करने को कहा गया है।
सोमवार से मंथली टेस्ट
शिक्षा विभाग की ओर से हर महीने विद्यार्थियों की प्रतिभा के मूल्यांकन के अंतर्गत सोमवार को मासिक टेस्ट शुरू भी हो गए। यह एग्जाम 26 फरवरी तक चलेंगे। सभी स्कूलों को अपनी रिपोर्ट 28 फरवरी तक ऑनलाइन करनी होगी। सोनीपत के करीब छह सौ स्कूलों में यह परीक्षाएं संचालित की जा रही हैं। dbsnpt
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.