सोनीपत : कॉलेज में एडमिशन लिया। इसके बाद मन किया तो कॉलेज आए नहीं किया तो नहीं आए। हाजिरी कॉलेज वाले लगाते ही रहेंगे और आखिर में बढ़िया शुल्क दिया और रोल नंबर लेकर परीक्षा देकर हासिल कर ली डिग्री। शिक्षण महाविद्यालयों में यह व्यवस्था काफी समय से चल रही है, लेकिन देश का भविष्य कहे जाने वाले बच्चों के प्रति कॉलेज संचालकों की यह मनमर्जी अब नहीं चल सकेगी। क्योंकि कॉलेज में एडमिशन लिया है तो कॉलेज आना ही पड़ेगा और बच्चों को कैसे पढ़ाया जाए यह सीखना होगा। अगर अगर नहीं होता है तो विश्वविद्यालय कॉलेज पर सख्त कार्रवाई करेगा। सोनीपत में 13 शिक्षण महाविद्यालय है, प्रति यूनिट में 100 से लेकर ढाई सौ से अधिक विद्यार्थी भावी शिक्षक बनने के रूप में दाखिला लेते हैं।
विद्यार्थियों की मांगी जाएगी ऑनलाइन हाजिरी
शिक्षण महाविद्यालयों के विद्यार्थियों की हाजिरी का डॉटा अब ऑनलाइन होगा। इसके लिए एमडीयू प्रशासन द्वारा कॉलेजों का डाटा आगामी दो से तीन माह के अंदर ही ऑनलाइन कर दिया जाएगा। इसके लिए वेब पोर्टल तैयार किया जाना है। सभी कॉलेजों से डाटा भी मांगा गया है। जिसमें प्रत्येक कॉलेज में कितनी सीटें हैं, कितनी सीटों पर दाखिला दिया गया है, कॉलेजों के लिए प्रयोग होने वाली गाइडलाइन और ढांचागत सुविधाओं जैसे लाइब्रेरी क्लासरूम की जानकारी, पढ़ाने वाले शिक्षकों की सूची के समेत दाखिल विद्यार्थियों की हाजिरी लिस्ट अपडेट करनी होगी।
इसलिए लागू की जा रही है यह व्यवस्था
विवि के कुलपति एचएस चहल की ओर से हाल ही में किए औचक निरीक्षण में कॉलेजों में अधिकांश विद्यार्थी गैर हाजिर मिले थे। इसके बाद विवि स्तर पर करवाई जांच में पता लगा था कि अधिकतर कॉलेजों में 50 फीसदी तक नॉन अटैंडिंग रहकर ही पढ़ाई की जाती है। इस तरह से दाखिला लेकर ज्यादा राशि कॉलेज को देकर हाजिरी पूरी करवाई जाती है।
पूर्व शिक्षा मंत्री ने लगाई थी रोक
पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने राज्य सरकार से मांग की थी कि राज्य और और शिक्षण महाविद्यालय नहीं खोले जाए। उनका तर्क था कि काफी कॉलेज आन अटैंडिंग व्यवस्था से चल रहे हैं। एक ही बिल्डिंग में कई कई कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। कहीं खेल के मैदान नहीं है तो कहीं लाइब्रेरी जैसी मौलिक सुविधा का अभाव है। जिससे विद्यार्थियों को गुणवत्ता वाली शिक्षा नहीं मिल पा रही है। शिक्षा मंत्री का मानना है कि शिक्षा के प्रति गंभीरता दिखाने के लिए गुणवत्ता पर ध्यान रखना आवश्यक है।
"शिक्षण महाविद्यालयों में नॉन अटैंडिंग की शिकायते काफी मिली हैं। जिसके बाद अब ऑनलाइन हाजिरी की व्यवस्था लागू की जा रही है। कॉलेजों से इस बाबत डाटा मांगा गया है। जल्द ही हाजिरी सहित विद्यार्थियों को मुहैया करवाए जाने वाली सुविधाओं की जानकारी ऑनलाइन होगी।'' -- एचएसचहल, कुलपति, एमडीयू। db
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