** नए निर्देशों के तहत छात्र किसी दूसरे शहर के सेंटर पर भी पेपर दे सकेंगे
गोहाना : नकल रोकने के लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने घरेलू सेंटरों पर परीक्षाएं रद्द करने का फैसला लिया है। नए निर्देशों के तहत स्टूडेंट को किसी दूसरे शहर के सेंटर में पेपर देना होगा।
बोर्ड के इस फैसले से स्टूडेंट्स को झटका लगा है। इसके लिए पूरी योजना का खाका भी तैयार किया जा चुका है। योजना के तहत किसी परीक्षार्थी का परीक्षा केंद्र अपने गांव से दूर बनता है तो भी शिक्षा बोर्ड ने उसको वह परीक्षा केंद्र अलॉट कर दिया। प्रदेश में 10 वीं 12 वीं के करीब 125 स्कूलों के ही परीक्षार्थियों को ही इस योजना में शामिल किया गया है। अगर इस योजना के तहत शिक्षा बोर्ड को नकल रोकने में कामयाबी मिलती है तो उसके बाद सभी स्कूलों में लागू किया जाएगा। नई योजना में लड़कियों को छूट दी गई है। अगर किसी स्कूल में छात्राएं छात्र एक साथ पढ़ते है तो उन स्कूलों के परीक्षार्थियों को दूर किसी अन्य गांव के परीक्षा केंद्र पर नहीं जाना पड़ेगा।
एग्जाम सेंटर बदलने के लिए अब विद्यार्थियों को मोटी रकम नहीं चुकानी होगी
दूसरे शहर से आने वाले स्टूडेंट्स को एग्जाम सेंटर बदलने में अब मोटी रकम नहीं चुकानी होगी। 5 हजार की जगह अब केवल 500 रुपए में स्टूडेंट्स अपना सेंटर चेंज करवा पाएंगे। स्टूडेंट अगर किसी वजह से एग्जाम देने नहीं सकता तो वह अपने ही शहर के किसी कॉलेज में एग्जाम दे सकता है। एमडीयू के अंतर्गत आने वाले गोहाना, झज्जर, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, पलवल, फरीदाबाद, गुड़गांव सोनीपत में ये व्यवस्था लागू होगी। पहले फीस अधिक होने के कारण कई स्टूडेंट्स परीक्षा ही छोड़ देते थे। इसी परेशानी को देखते हुए हायर एजुकेशन की ओर से स्टूडेंट्स के लिए फीस कम कर दी गई है। सेंटर चेंज करवाने के लिए स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी जाकर एक फॉर्म भरना होता है। इसमें बताना होता है कि किन वजहों से वह अपना सेंटर चेंज कर रहा है। इसके बाद फीस रसीद कटवानी होती है। सेंटर चेंज कराने के लिए एग्जाम से एक महीना या हफ्ता भर पहले आवेदन करना होता है। अगर किसी बीमारी की वजह से सेंटर चेंज कराना है, तो स्टूडेंट को उसकी मेडिकल रिपोर्ट भी साथ में देनी होगी।
सभी पहलू जांचने के बाद योजना को लागू किया जाएगा
"विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा में सुधार के लिए हरियाणा शिक्षा बोर्ड महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रहा है। इस बार छात्रों को परीक्षा देने के लिए घरेलू की बजाय दूर का सेंटर अलॉट किया जा सकता है। यह गुणात्मक शिक्षा को बढ़ाने के लिए सरकार का नया प्रयोग होगा। साथ ही नकल रहित परीक्षा भी हो सकेगी। इस योजना पर शिक्षा बोर्ड ने अधिकारियों से अभी सिर्फ सलाह मांगी है और कोई फाइनल फैसला नहीं हुआ है। सभी पहलू जांचने के बाद ही इस योजना को लागू किया जाएगा।'' -- परमेश्वरी देवी , डीईओ, सोनीपत db
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