चंडीगढ़ : पंचकूला में 35 दिनों से धरने पर बैठे हरियाणा के सरकारी स्कूलों के कंप्यूटर शिक्षकों की परेशानी खत्म नहीं हुई है। शिक्षा विभाग के आर्बिट्रेशन में शिक्षकों को भर्ती करने वाली कंपनियों के शोषण से तो मुक्ति मिल गई, लेकिन अब भविष्य पर प्रश्नचिह्न लग गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कंप्यूटर शिक्षकों को आश्वासन तो दिया था, लेकिन प्रदेश का शिक्षा विभाग इन शिक्षकों को समायोजित करने को तैयार नहीं है।
कंप्यूटर टीचर्स वेल्फेयर एसोसिएशन के प्रदेश प्रधान बलराम धीमान ने बताया कि न तो अभी तक कंपनियों के अनुबंध समाप्ति का पत्र ही शिक्षा विभाग ने जारी किया है और न ही शिक्षकों की ड्यूटी ज्वाइन करने के बारे में कोई निर्देश दिया गया है। ऐसे में कंप्यूटर शिक्षक कहां जाएं।
उन्होंने कहा कि कंप्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति एक पारदर्शी तरीके से शिक्षा विभाग की देखरेख में हुई है, लेकिन इसके बावजूद आज भी शिक्षक सड़कों पर हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के कंप्यूटर शिक्षक लंबे समय से निजी कंपनियों से छुटकारा पाने और शिक्षा विभाग में समायोजित किए जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
अब शिक्षकों को कंपनियों से तो छुटकारा मिल गया, लेकिन शिक्षा विभाग में समायोजन की मांग पर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है।
शिक्षक संघ के प्रवक्ता सुरेश नैन के अनुसार, जब तक सरकार शिक्षकों को उनका हक नहीं देगी, आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को 3000 परिवारों के बारे में सोचना चाहिए, जिन्हें न तो एक साल से वेतन मिला और अब न ही उनके हाथ में नौकरी है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए, जल्द से जल्द कोई नीति बनाकर शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित करे।
शिक्षकों को ड्यूटी ज्वाइन करने से रोका जा रहा
भर्ती करने वाली कंपनियों पर कार्रवाई करते हुए उनके अनुबंध समाप्त होने के कारण शिक्षकों को अब स्कूलों में ड्यूटी ज्वाइन नहीं करने दिया जा रहा। au
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