** सरकार ने हाईकोर्ट में कहा - शिक्षा अधिकारियों को जारी किए हैं निर्देश
चंडीगढ़ : प्रदेश में जूनियर बेसिक टीचरों (जेबीटी) की नौकरी भी जाएगी और एफआईआर भी दर्ज होगी। प्रदेश सरकार ने मंगलवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में कहा कि सभी जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारियों को कार्रवाई के लिए पत्र लिख दिया गया है। इनमें से 778 जेबीटी ऐसे हैं, जिनके अंगूठे के निशान फर्जी पाए गए हैं। इसके अलावा 228 जेबीटी ऐसे हैं, जो हाईकोर्ट द्वारा जांच प्रक्रिया शुरू कराए जाने के बाद ही नौकरी छोड़ गए थे।
सरकार ने बताया कि जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश गए हैं कि सभी 1006 टीचरों को शो कॉज नोटिस जारी करें और 15 दिन के भीतर उनसे जवाब लें। आगे जवाब के आधार पर कार्रवाई की जाए। जवाब मिलने पर इन उम्मीदवारों को तत्काल बर्खास्त किया जाए। साथ ही जरूरत के मुताबिक एफआईआर दर्ज कराई जाए। मामले पर दो मार्च के लिए अगली सुनवाई तय की गई है। कार्रवाई के दौरान हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि इस मामले में किसी भी तरह की देरी हो। सरकार की फॉरेंसिक लैब को अपनी रिपोर्ट 28 फरवरी तक तैयार कर दोषी पाए गए शिक्षकों की सूची सरकार को सौंपनी होगी। इस सूची पर क्या कार्रवाई की, इस पर सरकार अपना जवाब दाखिल करना होगा। हुड्डा सरकार ने वर्ष 2011 में 8,341 शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन मांगे थे।
इस भर्ती पर सवालिया निशान उठाते हुए याचिका दाखिल की गई थी जिसमें कहा गया था कि पात्रता परीक्षा के अंगूठे के निशान हस्ताक्षरों और चयन परीक्षा के अंगूठे के निशान और हस्ताक्षरों की जांच नहीं की गई है। हजारों उम्मीदवारों ने फर्जी तरीके से इस भर्ती में हिस्सा लिया और नौकरी हासिल कर ली।
अभी 6,081 की जांच जारी
हाईकोर्ट ने जांच के आदेश दिए थे और हरियाणा सरकार ने स्टेट क्राइम रिकार्ड ब्यूरो को अंगूठे के निशान के 7,965 सैंपल जांच के लिए भेजे थे। इनमें से 781 उम्मीदवारों के अंगूठे के निशान फर्जी पाए गए थे। इसके अलावा 6,081 मामलों में अंगूठे के निशान स्पष्ट नहीं थे। हाईकोर्ट ने इस पर सरकार से जवाब मांगा था। जिसके जवाब में उन्होंने इन 6,081 मामलों को हस्ताक्षर के मिलान के लिए दोबारा लैब भेजा गया है। इन मामलों में फर्जी पाए जाने वाले उम्मीदवारों का रिकार्ड अभी आना बाकी है। db
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