स्कूल शिक्षा से संबंधित जिला सूचना तालिका यानी डायस की वार्षिक रिपोर्ट चौंकाने वाली होने के साथ निराशाजनक भी है। सरकार व शिक्षा विभाग के लाख प्रयासों के बावजूद राजकीय प्राइमरी स्कूलों में ड्रॉपआउट का सिलसिला थम नहीं रहा है। रिपोर्ट में बताया गया कि सरकारी प्राइमरी स्कूलों में ड्रॉपआउट की संख्या पिछले वर्ष के मुकाबले बढ़ी है। इतना ही नहीं मिड डे मील, मुफ्त शिक्षा और शिक्षा का अधिकार कानून के तहत परीक्षा न होने के बाद भी सरकारी स्कूलों में नए दाखिलों का रुझान उत्साहजनक नहीं रहा, किसी हद तक यह नकारात्मक रूप ही ले रहा है। सरकार को अपनी नीति और योजनाओं पर गहन मंथन करके लक्ष्य प्राप्ति के मार्ग में आ रही बाधाओं की प्राथमिकता से पहचान करनी होगी। कई नितांत औपचारिक क्रियाकलापों को बंद करके परिणामोन्मुखी अभ्यास को तरजीह देनी होगी। यदि कन्या शिक्षा की ओर नजर डालें तो ड्रॉपआउट की स्थिति बेहद चिंताजनक नजर आती है। यदि दूसरी से बारहवीं तक के आंकड़ों को देखें तो साफ पता चल जाएगा कि शिक्षा विभाग के प्रयासों का क्या हश्र हो रहा है। घोषणाओं की जितनी अधिक चकाचौंध बिखेरी गई, आधार उतना ही धुंधला होता गया। 1 सरकार शायद समाज के बदलती प्रवृत्ति और नई पीढ़ी की रूचि और प्राथमिकताओं को समझ नहीं पा रही। रुझान संकेत दे रहे हैं कि प्रतिस्पर्धात्मक दौर की आवश्यकताएं, अपेक्षाएं पूरी करने में सरकारी स्कूल सफल नहीं हो पा रहे इसलिए अभिभावकों और बच्चों की प्राथमिकता में निजी स्कूल ही शामिल रहते हैं। एक कड़वा सच है कि बच्चों की संख्या कम होने के कारण 578 सरकारी स्कूलों को बंद कर दया गया और 1200 विद्यालयों को समायोजित करने की तैयारी की जा रही है। सरकारी स्कूलों से विद्यार्थियों के विमुख होने के अनेक कारण विभाग को बार-बार बताए जा रहे है लेकिन किसी पर गंभीरता से अमल करने के बजाय औपचारिकताएं निभाने पर ही अधिक ध्यान दिया जा रहा है। विडंबना देखिये कि निजी स्कूलों को मान्यता देते वक्त स्वच्छ पेयजल, शौचालय, खेल मैदान, बिजली की नियमित आपूर्ति जैसी जिन मूलभूत सुविधाओं की अनिवार्यता बताई जाती है, आधे से अधिक सरकारी स्कूलों में ही ये उपलब्ध नहीं। djedtrl
.

Breaking News
News Update:
*** Supreme Court Dismissed SLP of 719 Guest Teachers of Haryana *** यूजीसी नहीं सीबीएसई आयोजित कराएगी नेट *** नौकरी या दाखिला, सत्यापित प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं *** डीडी पावर के लिए हाईकोर्ट पहुंचे मिडिल हेडमास्टर *** बच्चों को फेल न करने की पॉलिसी सही नहीं : शिक्षा मंत्री ***
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.