मुंबई : वित्त मंत्रलय निवेश पर कर छूट की सीमा बढ़ाकर महंगाई की मार ङोल रहे मध्य वर्ग को राहत दे सकता है। इसके तहत मंत्रलय घर-परिवार में बचत को बढ़ावा देने की खातिर वित्तीय उत्पादों में निवेश पर मिलने वाली टैक्स छूट की सीमा दोगुनी कर सकता है। फिलहाल एक लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स रियायत मिलती है। आगामी आम बजट में धारा 80सी, 80 सीसी और 80 सीसीसी के तहत दी जाने वाली छूट की यह सीमा दो लाख रुपये की जा सकती है।
सूत्रों ने बताया कि राजस्व विभाग फिलहाल आकलन कर रहा है कि अगर निवेश पर टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई जाती है, तो इससे सरकार पर कितना बोझ पड़ेगा। इसकी घोषणा बजट में की जा सकती है। वित्त मंत्री अरुण जेटली 10 जुलाई को लोकसभा में 2014-15 का आम बजट पेश करेंगे। बैंक और बीमा कंपनियों की ओर से लंबे अरसे से निवेश पर टैक्स छूट सीमा बढ़ाने की मांग की जा रही है ताकि परिवारों को बचत के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। वर्ष 2008 में बचत की दर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 38 फीसद थी। यह वित्त वर्ष 2012-13 में घटकर 30 फीसद रह गई।
बजट से उम्मीद
- आयकर की धारा 80 सी के तहत दोगुनी होगी कर छूट सीमा
- लोगों को बचत के लिए प्रोत्साहित करना चाहती है सरकार
- फिलहाल एक लाख तक के निवेश पर मिलती है आयकर रियायत
- 2008 में बचत दर 38 फीसद थी, जो घटकर 30 फीसद रह गई dj
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