चंडीगढ़ : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत कंप्यूटर शिक्षकों ने मांगें पूरी कराने के लिए शिक्षा निदेशालय के बाहर आमरण अनशन शुरू कर दिया है। तीन हजार हजार कंप्यूटर शिक्षकों में से 52 अनशन पर बैठे हैं। प्रदेश सरकार से कई दफा वार्ता के बावजूद समस्या का समाधान न निकलता देख शिक्षकों ने यह कदम उठाया है। शिक्षकों ने सर्व सम्मति के आधार पर निर्णय लिया है कि मांगें पूरी होने पर ही आमरण अनशन खत्म किया जाएगा।
कंप्यूटर शिक्षक किसी सूरत में निजी कंपनियों के अधीन सेवाएं देने को तैयार नहीं हैं। निजी कंपनियों ने एक तो कंप्यूटर शिक्षकों को बीते आठ महीने से वेतन नहीं दिया है, दूसरा शिक्षा विभाग से हुए समझौते का उल्लंघन कर कंपनियों ने शिक्षकों से लगभग आठ करोड़ रुपये सिक्योरिटी वसूल ली है। शिक्षकों के आरोप शिक्षा विभाग की जांच में भी सिद्ध हो चुके हैं। सेकेंडरी शिक्षा विभाग अपनी जांच में निजी कंपनियों को दोषी करार दे चुका है। कार्यप्रणाली सुधारने के लिए तीनों निजी कंपनियों को नोटिस भी दिया गया है, लेकिन शिक्षक इससे संतुष्ट नहीं हैं। 1शिक्षकों की मांग है कि विभाग कंपनियों के साथ समझौता कर उनकी सेवाएं अपने अधीन ले, मगर सरकार इस पर राजी नहीं है। मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से वार्ता के बाद भी कंप्यूटर शिक्षक अड़े हुए हैं। शिक्षा मंत्री ने उन्हें वेतन व सिक्योरिटी दिलाने का आश्वासन दिया था और अपनी सेवाएं कंपनियों के अधीन जारी रखने के लिए कहा, जिसे शिक्षक नकार चुके हैं। बीते एक जुलाई से शिक्षकों ने कक्षाओं का बहिष्कार कर रखा है, जिससे छात्रों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है। अब आमरण अनशन शुरू होने से यह विवाद और लंबा खिंचता दिख रहा है dj
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