.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Thursday, 24 July 2014

टीचर्स ने खाने की गुणवत्ता पर सवाल उठाए तो अफसर बोले- 50 रुपए लो कहीं भी जाकर खाओ

कैथल : सर्व शिक्षा अभियान ने पंचायत भवन में सरकारी स्कूलों के दो-दो टीचर्स को अशक्त बच्चों की पहचान करने के लिए विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। बुधवार को ट्रेनिंग के तीसरे दिन अध्यापकों ने दोपहर के खाने का बहिष्कार कर दिया। अध्यापकों का कहना था कि एसएसए मिड डे मील खिलाकर काम चला रहा है। यहां तक कि उन्हें ट्रेनिंग के लिए सरकार की तरफ से दिए खर्च के बारे में ब्यौरा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि एसएसए पिछले तीन दिन से ट्रेनिंग लेने आए 133 टीचर्स को घटिया खाना खिला रहा है। इससे सेहत खराब होने का डर बना हुआ है। हर रोज एक ही प्रकार का खाना परोसा जा रहा है। इसमें एक कटोरी दाल, चावल, रोटी और सलाद शामिल है। 
जब वे ट्रेनिंग के लिए आए पैसे का ब्यौरा मांगतें हैं तो उन्हें कुछ भी बताने से इंकार कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि खाना भी थोड़ा-थोड़ा दिया जा रहा है। कई बार तो टीचर को खाना ही नहीं मिल पाता। उन्हें टीए-डीए के बारे में भी नहीं बताया जा रहा। दिन में एक बार ही खाना और चाय दी जाती है। बर्तन भी पूरी तरह साफ नहीं होते। इस बारे में उन्होंने पहले दिन ही शिकायत की थी। लेकिन यहां कोई सुनवाई नहीं हो रही। 
ये कहा इंचार्ज ने 
अध्यापकों द्वारा खाने के बहिष्कार की जानकारी मिलते ही सर्वशिक्षा अभियान के इंचार्ज सुरेंद्र मोर हॉल में पहुंचे। उन्होंने टीचर्स से माइक लिया और कहा कि हमें प्रति टीचर 50 रुपए का खर्च मिला है। अगर इससे बढिय़ा खाना 50 रुपए में कहीं मिलता है तो टीचर उनसे 50 रुपए ले सकते हैं। उन्होंने खाना परोसने वाले कर्मचारियों और ठेकेदार को भी बुलाया। ठेकेदार का कहना था कि अध्यापक कतारों में खड़े होकर खाना नहीं लेते। अध्यापक एसएसए इंचार्ज के कहने पर दोबारा खाना खाने के लिए गए।

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.