** एपीएआर नियमों में शिक्षा विभाग ने किए बदलाव, प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों ने किया था एपीएआर का बहिष्कार
सरकारी स्कूलों के शिक्षकों में वार्षिक मूल्यांकन निष्पादन रिपोर्ट (एपीएआर) नियमों में शिक्षा विभाग ने बदलाव किए हैं। इसके तहत प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की रिपोर्टिग वरिष्ठ अध्यापक ही करेंगे।
इससे पूर्व शिक्षा विभाग ने स्कूलों में हेड टीचर न होने की सूरत में एपीएआर के तहत रिपोर्टिग कार्य मिडिल हेड से करवाने के निर्देश जारी किए थे। इस पर प्राइमरी शिक्षकों ने आपत्ति जताते हुए एपीएआर का बहिष्कार कर दिया था। इस पर शिक्षा विभाग ने संज्ञान लेते हुए निर्देशों में फेरबदल करते हुए वरिष्ठ अध्यापकों से रिपोर्टिग करवाने के निर्देश जारी कर दिए है। इसके साथ ही नहीं वरिष्ठ अध्यापकों की रिपोर्टिग के लिए स्कूलों में हेड टीचर नहीं होने पर नेबरहुड सरकारी स्कूल के मिडिल हेड रिपोर्टिग करेंगे।
यह था मामला
राजकीय प्राथमिक संघ के अनुसार जिन प्राइमरी स्कूलों में हेड मास्टर के पद रिक्त पड़े हैं, वहां कार्यरत शिक्षकों की रिपोर्टिग का जिम्मा समीक्षा अधिकारी या मिडिल हेड को सौंपा था। शिक्षकों का कहना था कि मिडिल हेड समीक्षा करने में सक्षम है लेकिन उनकी रिपोर्टिग करने में असक्षम है। इसके बाद एपीएआर भरने का बहिष्कार कर दिया था।
संघर्ष रंग लाया
प्राथमिक शिक्षक संघ के नेता सुनील बास का कहना है कि शिक्षकों का संघर्ष रंग लाया। आखिरकार वरिष्ठ अध्यापकों को मान-सम्मान देते हुए रिपोर्टिग का जिम्मा सौंपा गया है।
शिक्षा विभाग से पत्र मिला
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी बलजीत सहरावत का कहना है कि प्राइमरी स्कूलों के वरिष्ठ अध्यापक शिक्षकों की एपीएआर के तहत रिपोर्टिग करेंगे। इस संबंध में शिक्षा विभाग से पत्र मिला है।
इसे कहते हैं एपीएआर
वार्षिक मूल्यांकन निष्पादन रिपोर्ट या एपीएआर किसी शिक्षक या अधिकारी की उन्नति के लिए उसके प्रदर्शन का आंकलन किया जाता है। इसका उद्देश्य किसी की कमियों को उजागर करने की बजाए उसे विकसित करना है। पहले इसे एसीआर कहते थे लेकिन इसमें बदलाव कर एपीएआर बना दिया। अगर शिक्षक इसे नहीं भरेंगे तो कई रिटायरमेंट रूक जाएगी और विभागीय स्कीमों का लाभ नहीं मिल पाएगा। djhsr
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