** दोनों ही वर्गों का इन कक्षाओं को पढ़ाने से इनकार, अधर में हैं बच्चे
भिवानी : शिक्षा विभाग की उदासीनता से गहराते टीजीटी और पीजीटी के विवाद में नौवीं-दसवीं के हजारों विद्यार्थियों का भविष्य उलझ गया है। सेमेस्टर परीक्षा सिर पर है, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि इन कक्षाओं को टीजीटी पढ़ाएंगे या पीजीटी। एक ओर जहां टीजीटी शिक्षक शासन के निर्देश के बाद 8वीं से ऊपर की कक्षाओं की जिम्मेदारी से निवृत्त हो चुके हैं।
वहीं दूसरी ओर पीजीटी शिक्षकों ने भी स्पष्ट कह दिया है कि उनकी नियुक्ति 11वीं, 12वीं के लिए ही हुई है, लिहाजा वह निचली कक्षाओं को हरगिज नहीं पढ़ाएंगे। विवाद के चलते जिले के तमाम स्कूलों में 9वीं, 10वीं की पढ़ाई बाधित हो रही है। इसके साथ ही छात्रों के भविष्य पर भी संकट के बादल मंडराते जा रहे हैं। छात्रों-अभिभावकों को इस बात की चिंता सता रही है कि अगर कक्षाओं में पढ़ाई नहीं हुई तो सितंबर से होने वाली सेमेस्टर परीक्षा वह कैसे देंगे। हैरानी की बात है कि लगातार गहराते विवाद के बावजूद विभागीय अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। शासन के निर्देश का पालन कराने में उनकी ढिलाई बच्चों के लिए नुकसानदायक होती जा रही है।
क्या है विवाद :
स्कूलों में 9वीं-10वीं की पढ़ाई पहले टीजीटी कराते थे। मगर प्रदेश के उच्चतर शिक्षा निदेशक नेे 8 अक्टूबर 2013 को पत्र क्रमांक 4/6-11 एसई (4) जारी किया था। इस पत्र में शिक्षा की गुणवत्ता का हवाला देते हुए उल्लेख किया गया था कि कक्षा 9वीं से 12वीं तक सभी विषयों का अध्यापन पीजीटी ही करवाएंगे। अगर स्कूल में पीजीटी उपलब्ध नहीं हैं तब उस स्कूल में 9वीं, 10वीं का अध्यापन टीजीटी करवा सकता है। इस पत्र के जारी होने के बाद से 9वीं-10वीं में अध्यापन को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है।
कौन हैं टीजीटी-पीजीटी :
11 अप्रैल 2012 को प्रदेश सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार इस तिथि से पहले और बाद में नियुक्त स्कूल प्रवक्ता-प्राध्यापक पीजीटी हैं। इनकी शैक्षणिक योग्यता पोस्ट ग्रेजुएट है। वहीं ग्रेजुएशन के बाद बीएड डिग्री हासिल करने वाले शिक्षक टीजीटी यानि ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर हैं।
पीजीटी को पढ़ाने की है जिम्मेदारी :
विवाद के पटाक्षेप के लिए शिक्षा निदेशालय से सूचना के अधिकार के तहत दिए गए प्रार्थना पत्र के जवाब में भी स्पष्ट किया गया है कि 9वीं से 12वीं की पढ़ाई पीजीटी ही कराएंगे। राजेश कुमार के पत्र पर बीते 16 जून को निदेशालय से मिले जवाब के अनुसार गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कार्यरत प्राध्यापक ही 9वीं से 12वीं तक पढ़ाएंगे। प्राध्यापकों को प्रति सप्ताह 36 से 40 पीडियड पढ़ाना है। पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि स्कूल प्रवक्ता और पीजीटी के पद एक हैं। इस जवाब में निदेशालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि रेशनेलाइजेशन की प्रक्रिया टीजीटी को आठवीं के स्तर पर मानकर ही की जाएगी।
डीईओ ने जारी किए पत्र, फिर भी पालना नहीं :
शासन के निर्देश की पालना के लिए जिला शिक्षा अधिकारी निर्मला श्योराण ने बीते 29 अप्रैल व 9 जुलाई को सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिए थे। इसके बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। अधिकांश सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में नौवीं-दसवीं की पढ़ाई बाधित है। टीजीटी शासन के निर्देश से खुद को जिम्मेदारी से मुक्त बताकर वर्क लोड लेने से इनकार कर रहे हैं, वहीं पीजीटी शिक्षक अपनी जिद पर अड़े हुए हैं।
आरटीई से मिली जानकारी के अनुसार भिवानी खंड के सांगा, चांग, कायला, नीमड़ीवाली, नंदगांव, देवसर व धनाना स्कूलों में 9वीं-10वीं को पीजीटी को पढ़ाने का आदेश लागू हो चुका है।
वहीं खरककला, मानहेरू, वीरण, कलिंगा में आंशिक रूप से इसका पालन हो रहा है। प्रहलादगढ़, कन्या स्कूल भिवानी सहित अन्य स्कूलों में इसकी पूर्ण रूपेण अवहेलना हो रही है। यह हाल सिर्फ भिवानी खंड का है। पूरे जिले में कई दर्जन स्कूल शासन के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
क्या कहते हैं शिक्षक संगठन
"जब शासन ने आदेश जारी कर दिया है तो फिर टीजीटी शिक्षकों की जिम्मेदारी कैसी। छात्र हित को देखकर टीजीटी शिक्षक कुछ स्कूलों में अभी भी पढ़ाई करा रहे हैं तो यह हमारी दरियादिली है। इसे कमजोरी न समझा जाए। विभाग शासन के निर्देश का दृढ़ता से पालन कराए। ऐसा नहीं हुआ तो टीजीटी शिक्षक भी 9वीं-10वीं में अध्यापन का पूर्ण बहिष्कार करने को बाध्य होंगे।"--विकास शर्मा, प्रदेश महासचिव, हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन।
"एनसीटीई के मानक के अनुसार 9वीं-10वीं की पढ़ाई के लिए बीएड होना जरूरी है। तमाम पीजीटी टीचर बीएड नहीं है तो फिर वह कैसे पढ़ा सकते हैं। लेक्चरर्स की नियुक्ति 11वीं-12वीं के लिए हुई थी और हम उसी को पढ़ाएंगे। अगर सरकार हमसें 9वीं-10वीं को पढ़वाना चाहती है तो हमें 5400 का ग्रेड-पे, 9-12वीं तक अलग कैडर व प्रिसिंपल के पद पर पदोन्नति की मांग पूरी करे।"--रमेश मल्हान, प्रधान, हरियाणा स्कूल लेक्चरर्स एसोसिशन।
"9-10वीं के लिए शासन के निर्देश की पालना के लिए सभी खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से स्कूल प्राचार्यों को निर्देश दिया गया है। अधिकांश स्कूलों में पालन हो रहा है। बच्चों का अहित नहीं होने दिया जाएगा।"--निर्मला श्योराण, जिला शिक्षा अधिकारी। au
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