राजकीय स्कूल छोड़ने वाले विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए शिक्षा विभाग अब सर्वे करवाएगा।इसके लिए विभागीय कवायद शुरू हो गई है। अध्यापकों एबीआरसी को इसकी रिपोर्ट विभाग के उच्चाधिकारियों को भेजनी होगी। प्रदेश में 6 से 14 आयु वर्ग के बच्चों का 100 प्रतिशत नामांकन ठहराव एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाना शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत आता है।
तमाम योजनाएं, लेकिन फिर भी नहीं बढ़ रहे स्टूडेंट :
सर्वशिक्षा अभियान में भी इसे मुख्य उद्देश्यों में शामिल किया गया है, लेकिन बावजूद इसके अनेक बच्चे स्कूल से बाहर है। राजकीय स्कूलों में बच्चों का नामांकन के बाद ठहराव नहीं हो पाता है। अगली कक्षा में स्थानांतरण अति कमजोर है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार खास तौर पर कक्षा पांचवीं के बाद कक्षा छठी कक्षा में शत प्रतिशत दाखिला नहीं हो पाता है। पिछले साल जितने बच्चों ने आठवीं की परीक्षा दी उनका नौंवीं में दाखिला नहीं हुआ।
ये रहेगा सर्वे में :
राजकीय स्कूलों में माइग्रेट विद्यार्थियों का शिक्षा विभाग सर्वे कर पता करेगा। जिसमें विद्यार्थी के स्कूल छोड़ने के कारणों का पता किया जाएगा और अभिभावकों से भी इस बारे में पूछा जाएगा।
इसके साथ ही राजकीय स्कूलों में रुझान बढ़ाने के लिए सुविधा नि:शुल्क शिक्षा बारे में बताया जाएगा। विदित है कि शिक्षा अधिकार अधिनियम में बच्चों को शैक्षिक वर्ष के दौरान किसी भी समय दाखिले से वंचित नहीं किया जा सकता है। dbsnpt
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