** सालाना अप्रेजल में होगा अधिकारियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन
नई दिल्ली : अब आपको आयकर का नोटिस नहीं डराएगा। मोदी सरकार टैक्स प्रक्रिया में व्यापक बदलाव करने जा रही है। इसके तहत बढ़ा-चढ़ाकर आयकर मांग बताने वाले आकलन अधिकारियों (एसेसमेंट ऑफिसर) की जवाबदेही तय की जाएगी। ऐसा होने पर करदाताओं को बेवजह तकलीफ नहीं होगी।
सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने टैक्स प्रक्रिया में परिवर्तन कर आकलन अधिकारी की जवाबदेही तय करने का प्रस्ताव किया है। इस प्रस्ताव पर हाल में राजधानी में आयोजित मुख्य आयकर आयुक्तों और महानिदेशकों के सम्मेलन में विचार-विमर्श भी किया गया। अक्सर आयकर विभाग के आकलन अधिकारी किसी करदाता पर टैक्स की मांग बढ़ा-चढ़ाकर रखते हंै, जो अपील में जाने पर या मामला अदालत में जाने पर टिक नहीं पाती। इससे न सिर्फ विभाग की छवि पर असर पड़ता है, बल्कि अवांछित कानूनी लड़ाई भी शुरू हो जाती है।
लिहाजा, नई प्रक्रिया लागू होने पर अगर कोई आकलन अधिकारी आयकर मांग बढ़ा-चढ़ाकर पेश करेगा तो ऐसे मामलों की समीक्षा उसकी सालाना अप्रेजल रिपोर्ट में की जाएगी। इससे उस अधिकारी की जवाबदेही तय की जा सकेगी। यह समीक्षा उसके वरिष्ठ अधिकारी करेंगे। फिलहाल, आकलन अधिकारी द्वारा तय आयकर मांग के मामलों की समीक्षा तिमाही आधार पर होती है जो सफल नहीं है। मोदी सरकार का यह कदम इसलिए अहम है, क्योंकि प्रधानमंत्री लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर ‘टैक्स आतंकवाद’ का आरोप लगाते रहे हैं। उन्होंने टैक्स प्रक्रिया को सुगम और सरल तथा करदाताओं के अनुकूल बनाने का वादा भी किया था।
मोदी सरकार पूर्व प्रभाव से टैक्स लागू न करने की घोषणा पहले ही कर चुकी है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में यह भी कहा था कि राजग सरकार उच्च कर लगाने वाली सरकार नहीं है। वैसे, बढ़ा-चढ़ाकर आयकर मांग के मामले पर संसदीय समितियों और कैग ने भी अपनी रिपोर्टो में चिंता जताई है। dj
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