चंडीगढ़ : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने महत्वपूर्ण फैसले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ अपील खारिज कर दी जिसमें हरियाणा में अवैध तौर पर नियुक्त किए गए 719 अतिथि अध्यापकों को हटाने का आदेश दिया गया था। साथ ही, इन्हें नियुक्त करने वाले शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई का आदेश दिया था। अब इन अतिथि अध्यापकों की छुट्टी तय है।
सितंबर 2012 में हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि वह उन सभी शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करे जिन्होंने नियमों को ताक पर रख कर इन अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति की है। बृजेन्द्र कुमार की ओर से याचिका में अवैध तौर पर नियुक्त719 अतिथि अध्यापकों को हटाने की मांग की गई थी। वर्ष 2005 में हुई अतिथि अध्यापकों की नियुक्तियों में अनियमितता का खुलासा शिक्षा विभाग द्वारा कराई गई जांच में सामने आया था। फरीदाबाद जिले में कुल 83 गेस्ट लेक्चरर की नियुक्तियां की गई, जिसमें 40 नियम विरुद्ध पाई गईं। इसी प्रकार मास्टर वर्ग में 120 पदों पर गेस्ट टीचर लगाए गए, जिनमें 27 की नियुक्ति ही नियमानुसार मिली। मेवात के फिरोजपुर ङिारका खंड में तो बिना किसी नियुक्ति पत्र के ही 150 जेबीटी गेस्ट टीचर की नियुक्ति कर डाली गई। यहां 183 की नियुक्तियां नियम विरुद्ध पाई गईं। फतेहाबाद में 46, करनाल में 42, कैथल में 26, यमुनानगर में 25, हिसार व अंबाला में 23-23, सिरसा में 21, पंचकूला, पानीपत व भिवानी में 19-19, जींद में 17, पलवल में 15, सोनीपत-कुरुक्षेत्र में 10-10, रोहतक में 8, महेन्द्रगढ़-रेवाड़ी में 7-7, झज्जर में एक सहित कुल 719 नियुक्तियां अवैध पाई गईं। dj
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