सिरसा : चौधरी देवी लाल यूनिवर्सिटी (सीडीएलयू) में सोमवार को भी हंगामा हुआ। प्रोफेसरों ने पदोन्नति में देरी से खफा लेकर सोमवार को पहले तो वाइस चांसलर (वीसी) के निजी सचिव के कार्यालय पर ताला लगा दिया। फिर वीसी कार्यालय की बिजली सप्लाई काट दी। मजबूर वीसी डॉ. राधेश्याम शर्मा को बाहर आना पड़ा। रविवार को रिजल्ट आने में देरी से गुस्साए छात्राओं ने परीक्षा शाखा पर एक घंटे तक ताला जड़े रखा था।
आज के प्रदर्शन में छात्रों ने भी प्रोफेसरों का साथ दिया। लॉ विभाग के प्रोफेसर राजेश मलिक ने वीसी और रजिस्ट्रार से त्यागपत्र देने की मांग की। उन्होंने ने आरोप लगाया कि वीसी साल में दो बार विदेश में घूम आते हैं लेकिन प्रोफेसरों की मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिया जाता। प्रोफेसर दिलबाग ने कहा कि सहनशीलता की सीमा समाप्त हो गई है और अब सरकार से ही बात होगी।
प्रदर्शनकारी प्रोफेसर शाम तक धरने पर बैठे रहे। उनका दावा है कि मंगलवार को प्रदेश की दूसरे विश्वविद्यालयों की टीचिंग फैकल्टी भी प्रदर्शन में शामिल होगी।
ये है मांगें :
टीचिंगऔर नॉन टीचिंग स्टाफ की तीन साल से लंबित पदोन्नति दी जाए। 17 एसोसिएट प्रोफेसरों की पदोन्नति अटकी हुई है। सरकार के दबाव में महिला हॉस्टल वॉर्डन के पद पर की गई नियुक्ति की निष्पक्ष जांच हो।
"वीसी और रजिस्ट्रार का पद लोकतांत्रिक है। मेरे ऊपर लगे आरोपों की कोई भी जांच कर सकता है। हर मामले को प्राथमिकता के आधार पर हल करने का प्रयास किया जाता है। मेरे कार्यालय के बिजली सप्लाई बंद करने का काम निंदनीय है। मैंने इसकी जांच शुरू करवा दी है, जो दोषी मिलेगा, उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। मैं पूरे घटनाक्रम से बहुत आहत हूं। प्रोफेसरों के प्रदर्शन से यूनिवर्सिटी की गरिमा को ठेस पहुंची है।"--डॉ.राधेश्याम शर्मा, वीसी,सीडीएलयू। db
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