चुनावी मोड में आई प्रदेश सरकार हर वर्ग को खुश करने में जुटी हुई है। इस कोशिश में कोर्ट के फैसलों की भी परवाह न करते हुए शनिवार को उसने अनुसूचित जाति के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण देने की अधिसूचना जारी कर दी। अखिल भारतीय समानता मंच ने इसके खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी शुरू कर दी है। मंच की लंबी लड़ाई के बाद वर्ष 2008 में सर्वोच्च न्यायालय और 2012 में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने पदोन्नति में आरक्षण को निरस्त कर दिया था। मालूम हो कि पदोन्नति में आरक्षण का मामला लगभग दस सालों से न्यायालयों उलझा हुआ है। प्रदेश सरकार की अधिसूचना के बाद अनुसूचित जाति को 20 प्रतिशत आरक्षण तीसरी और चौथे श्रेणी की नौकरियों में मिला है। ऐसे में कुल मिलाकर पदोन्नतियों में आरक्षण 82 फीसद पर पहुंच गया है। वहीं प्रदेश सरकार के इस फैसले के बाद सामान्य श्रेणी के कर्मचारियों की भौहें भी तन गई हैं। कर्मचारियों ने इस फैसले के विरोध में न्यायालय में जाने की तैयारी की है। djkkr
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