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Sunday, 20 July 2014

निजी कंपनियों के तहत काम नहीं करेंगे कंप्यूटर शिक्षक

** शिक्षकों की मंत्री को दो टूक, एक बार फिर वार्ता नहीं चढ़ी सिरे
** मुख्यमंत्री से अगले हफ्ते होने वाली बैठक के बाद बनाएंगे रणनीति
चंडीगढ़ : प्रदेश के कंप्यूटर शिक्षक निजी कंपनियों के अंतर्गत किसी सूरत में काम करने को तैयार नहीं हैं। शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने शिक्षकों को रुका हुआ वेतन और सिक्योरिटी राशि दिलाने का भरोसा दिया, लेकिन शिक्षक नहीं माने। भुक्कल के चंडीगढ़ स्थित सरकारी आवास पर बीस मिनट तक चली वार्ता दोनों ही पक्षों के अड़े रहने से एक बार फिर बेनतीजा रही। 
शिक्षक अब मुख्यमंत्री से अगले सप्ताह मंगलवार या बुधवार को होने वाली बैठक के बाद आगामी रणनीति का खुलासा करेंगे। मांगें पूरी होनी पर शिक्षक स्कूलों का रुख करेंगे और नहीं हुई तो आमरण अनशन भी शुरू कर सकते हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के प्रधान ओएसडी एमएस चोपड़ा के प्रयासों से शनिवार को शिक्षा मंत्री और शिक्षकों के बीच वार्ता तय हुई। कंप्यूटर टीचर्स को उम्मीद थी शिक्षा मंत्री उनकी मांगों को मान लेंगी, मगर ऐसा नहीं हुआ। गीता भुक्कल ने शिक्षकों को स्पष्ट किया कि विभाग उन्हें अपने अंर्तगत नहीं ले सकता, चूंकि वे कंपनियों के कर्मचारी हैं। सरकार उन्हें कंपनियों से आठ महीने का रुका हुआ वेतन व सिक्योरिटी राशि दिला सकती है, इसके साथ ही सौहार्दपूर्ण माहौल में कार्य का आश्वासन भी देती है। चूंकि कंपनियों को शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी कर कंप्यूटर शिक्षकों को प्रताड़ित न करने की हिदायत दी हुई है।
शिक्षकों ने भुक्कल के प्रस्ताव को सिरे से नकार दिया और कक्षाओं का बहिष्कार जारी रखने का निर्णय लिया है। कंप्यूटर शिक्षकों का सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष बलराम धीमान के नेतृत्व में शिक्षा मंत्री से मिलने पहुंचा था। उनके साथ सुरेश नैन, राजीव सैनी, दिवाकर, अमर राणा, शीशपाल व मनदीप भी वार्ता में शामिल रहे। सुरेश नैन ने बताया कि उनकी समस्या का समाधान नहीं निकला है। शिक्षा विभाग उन्हें अपने अंर्तगत लेने को तैयार नहीं, जबकि कंपनियों के अधीन काम नहीं करेंगे।              dj

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