.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Sunday, 20 July 2014

आज होने वाली ललकार रैली पर कर्मचारियों की सियासत गरमाई

** रेगुलराइजेशनकी तीन पॉलिसियां लागू, फिर भी कर्मचारी नहीं हुए नियमित :  सर्व कर्मचारी संघ
** तालमेल कमेटी के सदस्य बोले, कर्मचारियों को गुमराह कर रही है सर्व कर्मचारी संघ से जुड़ी रोडवेज यूनियन 
चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के शहर रोहतक में रविवार को होने वाली ललकार रैली को लेकर अब कर्मचारी संगठनों की सियासत भी गरमाने लगी है। राज्य में तीन रेगुलराइजेशन पॉलिसी लागू होने के बावजूद अधिकांश अस्थायी कर्मचारियों के नियमित हो पाने और अन्य मांगों को लेकर जहां सर्व कर्मचारी संघ रैली के जरिए हुड्डा सरकार को चुनौती देने के मूड में है, वहीं हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी सरकार के पक्ष में गई है। 
तालमेल कमेटी ने सर्व कर्मचारी संघ से जुड़ी यूनियन पर आरोप लगाया है कि वह रेगुलराइजेशन के मुद्दे पर कर्मचारियों को गुमराह कर रही है। तालमेल कमेटी ने रैली में शामिल होने वाली यूनियन को चेतावनी दी है कि यदि उसने कर्मचारियों को गुमराह करने का रवैया जारी रखा तो उसे कर्मचारियों के ही विरोध का सामना करना पड़ेगा। 
ये हैं रेगुलराइजेशन पॉलिसी: 
रेगुलराइजेशनके लिए हरियाणा सरकार की तीन पॉलिसियां हैं। इनमें पहली पॉलिसी उनके लिए है जो किन्हीं तकनीकी कारणों से उस समय नियमित नहीं हो पाए थे। दूसरी पॉलिसी पंजाब की तर्ज पर 3 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों के लिए है जो स्वीकृत पद के विरुद्ध‌ लगे हों और वह आज भी खाली हो। 
तीसरी पॉलिसी उन लोगों के लिए जिन्हें अस्थायी कर्मचारी के रूप में 10 साल पूरे हो गए हैं अथवा 31 दिसंबर, 2018 को 10 साल पूरे कर रहे हैं। इसमें ये शर्त है कि वे स्वीकृत पद के विरुद्ध‌ लगे हों और वह पद आज भी खाली हो। ऐसे कर्मचारी अप्रूव्ड एजेंसी अथवा सीधे विभाग के माध्यम से लगाए गए हों। 
'हजारों कर्मचारी लेंगे रैली में भाग' 
हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सरबत सिंह पूनिया ने कहा है कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों की मांगों के प्रति गंभीर नहीं है। कर्मचारियों को पक्का किया जा रहा है और ही उन्हें नियमित वेतनमान दिया जा रहा है। वे चाहते हैं कि सरकार कर्मचारियों को तुरंत पक्का करे। पूनिया ने कहा कि इन्हीं मांगों को लेकर 20 जुलाई को रोहतक में होने वाली ललकार रैली में हजारों रोडवेज कर्मचारी भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि रैली की तैयारियों के लिए वह प्रदेशभर के डिपो का दौरा पूरा कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि 26 27 जुलाई को फतेहाबाद में होने जा रहे यूनियन के 14वें द्विवार्षिक राज्यस्तरीय प्रतिनिधि सम्मेलन में इस मुद्दे पर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। 
सर्व कर्मचारी संघ की हैं ये मांगें 
दो साल से अस्थायी कर्मियों को पक्का किया जाए। सभी कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतनमान दिए जाएं। राज्य कर्मचारियों के केंद्र के समान ग्रेड पे मिले। शिशु शिक्षा, जोखिमपूर्ण काम करने वाले कर्मियों को 5000 रुपए जोखिम भत्ता मिले। सभी विभागों में ठेका प्रथा बंद हो। विश्वविद्यालयों की स्वायत्ता बहाल हो। सभी कर्मचारियों को कैशलेस मेडिकल सुविधा मिले। रोडवेज के 3519 परमिट रद्द हों। निजीकरण, पीपीपी, आउट सोर्सिंग और फ्रेंचाइजी नीतियां रद्द हों। कर्मचारियों नेताओं से हड़ताल के दौरान दर्ज मुकदमें वापस लिए जाएं। 
सुप्रीम कोर्ट में अगले हफ्ते दायर होगी याचिका: 
इधर,परिवहन विभाग के अफसरों का कहना है कि समझौते के तहत रोडवेज के सभी अस्थायी कर्मचारियों की सेवाएं जल्दी ही नियमित की जाएंगी। उन्हें नियमित कर्मचारियों के समान वेतनमान दिए जाने के आदेश दे दिए गए हैं। ज्यादातर कर्मचारियों के शपथ-पत्र सरकार को मिल गए हैं। अब समझौते के तहत सरकार अगले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी। इसमें यह आग्रह किया जाएगा कि कर्मचारियों और सरकार के बीच समझौता हो गया है। इसलिए सरकार अब अपनी याचिका पर कार्रवाई नहीं चाहती है। इसके साथ ही नए रूल्स बनाकर रोडवेज के अस्थायी कर्मचारियों की सेवाएं नियमित कर दी जाएंगी। 
फौगाट बाेले-आज से उग्र आंदोलन 
रोहतक : सर्वकर्मचारीसंघ की ओर से मांगों पर बातचीत के लिए सरका को दिया अल्टीमेटम खत्म हो चुका है। अब 20 जुलाई को रोहतक के छोटूराम स्टेडियम में ललकार रैली कर आंदोलन को निर्णायक मोड़ देने की घोषणा की जाएगी। संघ के प्रधान धर्मबीर फौगाट ने शनिवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बरसों से कांग्रेस सरकार कर्मचारियों के हितों की अनदेखी कर रही है। अब निर्णायक लड़ाई का समय गया है। फौगाट ने कहा कि बार-बार अांदोलन के बावजूद सरकार ने कर्मचारियों की फरियाद नहीं सुनी। इसलिए अब सेवाएं बाधित करने का ही विकल्प बचा है। यदि सरकार ने कर्मचारियों की मांगों पर गंभीरता से नहीं सोचा तो हालात बेकाबू हो जाएंगे। 
इसलिए नहीं मिल पा रहा फायदा
सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश महासचिव सुभाष लांबा के अनुसार इन पॉलिसी के तहत अब तक बामुश्किल 1000 कर्मचारी भी नियमित नहीं हुए हैं। जो नियमित हुए हैं, उनमें भी ज्यादातर अफसरों के अपने चहेते या रिश्तेदार हैं। पंचायतीराज, एनआरएचएम, बिजली कंपनियों के ठेका कर्मियों और पार्टटाइम कर्मचारी समेत करीब 37,000 कर्मचारियों को इसका कोई फायदा नहीं मिला है। इसकी वजह यह है कि पॉलिसी में स्वीकृत पद के विरुद्ध‌ लगे होने, आज भी वह पद खाली रहने की शर्तें अव्यवहारिक हैं। जब नगरपालिका, नगर परिषद और नगर निगमों की तरह सभी सरकारी विभागों में ठेका प्रथा बंद करके दो साल की सेवा करने वाले सभी अस्थायी कर्मचारियों को नियमित किया जाना चाहिए।                  db


No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.