चंडीगढ़ : प्रदेश में अब शिक्षकों से बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की ड्यूटी नहीं ली जाएगी। चुनाव आयोग की अोर से इस संबंध में मौलिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिख कर बीएलओ का इस कार्य से मुक्त करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने छह दिसंबर 2007 को एक केस में निर्णय दिया कि शैक्षणिक सत्र में अध्यापक से बीएलओ की ड्यूटी नहीं ली जा सकती। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद भारत सरकार ने 13 सितंबर 2010 को आदेश जारी कर अध्यापकों से स्कूल समय में बीएलओ डयूटी नहीं लेने पर रोक लगाई। इसके बाद भी प्रदेश में 15 हजार शिक्षकों से यह ड्यूटी ली जाती रही है।
शिक्षकों ने उठाया था अदालत की अवमानना का मामला :
शिक्षकोंसे जब बीएलओ की ड्यूटी ली जाती रही तो शिक्षकों ने चुनाव आयोग के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला दर्ज कराने की चेतावनी दी। इसके बाद ही चुनाव आयोग हरकत में आया और एक पत्र लिख कर आनन फानन में शिक्षकों को बीएलओ को ड्यूटी से हटाने का निर्देश दे दिए हैं आयोग की ओर से 21 जुलाई को जारी पत्र क्रमांक 7361 को लिख कर कहा कि आरटीई एक्ट के अंतर्गत काम नहीं करने वाले शिक्षकों को ड्यूटी से कार्यमुक्त कर दिया जाए।
ड्यूटी के बदले छुट्टी का आग्रह
इधरमुख्य चुनाव अधिकारी श्रीकांत वाल्गद ने बताया कि शिक्षकों से अब बीएलओ की ड्यूटी नहीं ली जाएगी। जिन शिक्षकों ने गर्मी के अवकाश के दौरान बीएलओ के तौर पर काम किया,इसकी जगह उन शिक्षकों को छुट्टी देने का आग्रह भी जिला मौलिक अधिकारी से किया गया है। db
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