पीएचडी की प्रवेश प्रक्रिया में फर्जीवाड़े पर रोक लग सकेगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, (यूजीसी) अब राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) क्वालीफाई अभ्यर्थियों का विवरण और उनके सर्टिफिकेट अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेगा। इसकी मदद से हर विश्वविद्यालय में पीएचडी में प्रवेश के दौरान इनका ऑनलाइन सत्यापन करने में मदद मिल सकेगी। यूजीसी ने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को इस बारे में निर्देश भी जारी किए हैं।
यूजीसी साल में दो बार राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा लेता है। नेट पास करने वाले अभ्यर्थियों को विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में पीएचडी में प्रवेश के लिए अलग से कोई प्रवेश परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं पड़ती, मगर पीएचडी काउंसिलिंग के दौरान ऐसे नेट पास अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट के सत्यापन की परेशानी आती थी। विश्वविद्यालयों की ओर से लंबे समय से ऑनलाइन सत्यापन की मांग उठाई जा रही थी। अब तक जितने भी अभ्यर्थियों ने नेट की परीक्षा पास की है, उनके सर्टिफिकेट की डिटेल यूजीसी वेबसाइट पर डालेगी। इससे नेट पास अभ्यर्थियों का ऑनलाइन सत्यापन आसानी से हो सकेगा।
यह होंगे फायदे
विश्वविद्यालयोंके सामने सबसे बड़ी दिक्कत नेट सर्टिफिकेट के सत्यापन की आती थी। यूजीसी को अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट सत्यापन के लिए भेजने होते थे। यूजीसी से सत्यापित होकर आने में काफी समय लग जाता था। वहीं पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में छात्रों द्वारा फर्जी सर्टिफिकेट के माध्यम से फर्जी एडमिशन लेने की शिकायतें भी रही थी। अब विश्वविद्यालयों को सत्यापन के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। dbhsr
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