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Thursday, 17 July 2014

बच्चों को फेल न करने की पॉलिसी सही नहीं : शिक्षा मंत्री

** अध्ययन में कमजोर बच्चों के लिए फिर से करनी होगी मूल्यांकन प्रणाली
** केंद्रीय सलाहकार बोर्ड की बैठक में बोलीं शिक्षा मंत्री
चंडीगढ़ :  हरियाणा की शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने बच्चों को फेल न करने की ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ के परिणामाें पर गहरी चिंता जताई है। इसके क्रियान्वयन के बाद से बच्चों के अध्ययन स्तर के परिणामों में गिरावट आई है। 
भुक्कल ने अध्ययन स्तरीय परिणामों में सुधार के लिए परीक्षा और मूल्यांकन प्रणाली को अपनाने की जरूरत पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि अध्ययन में कमजोर बच्चों को फिर से पुरानी प्रणाली के अंतर्गत लाया जाए। 
भुक्कल दिल्ली में सतत एवं व्यापक मूल्यांकन प्रणाली और शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत नो डिटेंशन प्रावधानों की समीक्षा के लिए केंद्रीय सलाहकार बोर्ड की उप समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं।भुक्कल ने कहा कि नो डिटेंशन पॉलिसी के क्रियान्वयन और इसे लेकर लोगों के अनुभवों से पता चला है कि यह नीति विद्यार्थियों की सफलता के स्तर में मददगार नहीं है। बल्कि वर्ष 2010-11 से 2013-14 के शैक्षणिक सत्र के दौरान अध्ययन स्तरीय परिणामों में तेजी से गिरावट आई है। अध्ययन स्तरीय परिणामों में गिरावट से स्पष्ट है कि नीति और प्रणाली में कुछ खामियां है, जिसमें सुधार की आवश्यकता है। यदि एक बच्चा किसी परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं करता, तो वह किसी अन्य में कर सकता है। 
राष्ट्रीय सर्वेक्षण रिपोर्ट का उल्लेख करते उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के रुझानों से पता चलता है कि सरकारी स्कूलों में अध्ययन स्तर में तेजी से गिरावट आई है, जबकि निजी स्कूलों में भी परिणाम ज्यादा संतोषजनक नहीं है। इसका एक बड़ा कारण नो डिटेंशन पॉलिसी और बच्चों के अध्ययन स्तर के मूल्यांकन की व्यवस्था का अभाव है।                                      au &  dt

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