** पदनाम पीजीटी नहीं, प्राध्यापक हो, कॉलेज कैडर पर मिले पदोन्नति, 21 से अनशन की चेतावनी
हिसार : हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार को उपायुक्त कार्यालय पर शाम तीन से पांच बजे तक धरना दिया। धरने की अध्यक्षता संगठन के जिलाध्यक्ष भगवानदत ने की। धरने के बाद उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया।
शिक्षक नेताओं ने स्कूल लेक्चरर को 5400 रुपये ग्रेड पे देने, स्कूल प्राध्यापकों का पदनाम पीजीटी की बजाए प्राध्यापक ही रखने तथा नवनियुक्त पीजीटी का पदनाम भी प्राध्यापक रखने और प्राध्यापकों की कॉलेज कैडर पर पदोन्नति का रास्ता खोलने की मांग की। इसके अलावा प्रिंसिपल के लिए परमोशन शत प्रतिशत करने और नए पीजीटी के लिए निर्धारित एच टेट और बीएड पूरा करने की तारीख 31 मार्च 2015 की बजाय 31 मार्च 2020 तक बढ़ाने की मांग भी की गई।
डीईओ के खिलाफ दिखाई नाराजगी
शिक्षक नेताओं ने जिला शिक्षा अधिकारी पर पक्षपातपूर्व व्यवहार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्राध्यापकों की नियुक्ति केवल 11वीं और 12वीं के लिए हुई है लेकिन डीईओ ने मास्टर यूनियन का हवाला देकर प्राध्यापकों पर नौंवी और दसवीं कक्षा को भी पढ़ाने के निर्देश जारी किए हैं। यह गैर कानूनी है। इसे लेकर कई बार डीईओ से मिल चुके हैं, लेकिन इन निर्देशों को अभी तक रद्द नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि नौंवी और दसवीं कक्षाओं को प्राध्यापक उसी सूरत में पढ़ाएंगे, यदि संबंधित स्कूल में मास्टर नहीं है।
अनशन के बाद दिल्ली में होगा आंदोलन
हसला ने 21 जुलाई से क्रमिक एवं आमरण अनशन शुरू करने की चेतावनी दी है। अगर फिर भी सरकार या विभाग ने प्राध्यापकों की मांगों को अनदेखा किया तो 28 जुलाई के बाद दिल्ली जंतर मंतर पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जाएगा। हसला ने राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के आंदोलन का समर्थन भी किया। db
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