कुरुक्षेत्र : प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेशभर के राजकीय विद्यालयों में कार्यरत प्राचार्यों को केंद्र के समान वेतनमान तथा अन्य सुविधाएं न दिए जाने उनमें भारी रोष व्याप्त है। रोष स्वरूप हरियाणा स्कूल एजुकेशन ऑफिसर एसोसिएशन की एक बैठक में प्राचार्यों को केंद्र के समान वेतनमान न दिए जाने पर सरकार के प्रति भारी नाराजगी जताई गई।
एसोसिएशन के प्रदेश प्रवक्ता सुरेंद्र सिंह सिद्धू, जिला प्रधान वीरेंद्र वालिया, रामपाल सरोहा, चंद्रशेखर तथा राज्य के अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेशभर के स्कूल प्राचार्य पिछले 6 साल से इस मांग को लेकर अनेक बार हरियाणा के मुख्यमंत्री के अलावा शिक्षामंत्री तथा विभाग के आला अधिकारियों को मिल चुके हैं लेकिन सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों के चलते प्राचार्यों में भारी रोष व्याप्त है। रोष स्वरूप प्रदेशभर के प्राचार्य आगामी 8 जुलाई को सामूहिक अवकाश लेकर अपना विरोध जताएंगे।
इसके अलावा प्रदेशभर के प्राचार्य तथा सभी शिक्षा अधिकारी 5, 7 व 8 जुलाई को काले बिल्ले लगाकर विरोध जताते हुए पूरे प्रदेश में उपायुक्तों के माध्यम से हरियाणा के मुख्यमंत्री के नाम लिखा एक ज्ञापन सौंपा जाएगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया तो एसोसिएशन द्वारा आगामी समय में एक बैठक करके आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
क्या हैं शिकायतें
एसोसिएशन के प्रदेश प्रवक्ता सुरेंद्र सिंह सिद्धू ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी का ग्रेड पे भी केंद्र, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल, दिल्ली, राजस्थान के प्राचार्यों से कम रखा गया है तथा प्राचार्यों का ग्रेड-पे तो इन राज्यों से बहुत कम है। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा में स्कूल प्राचार्य को द्वितीय श्रेणी का दर्जा दिया गया है जबकि दूसरे राज्यों में स्कूल प्राचार्य को प्रथम श्रेणी का दर्जा दिया गया है। इस प्रकार हरियाणा में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मनोबल को तोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि कि प्राचार्य से खंड शिक्षा अधिकारी तथा उपजिला शिक्षा अधिकारी के पद पर पदोन्नित होने पर कोई अग्रिम वेतन वृद्धि या ग्रेड-पे में कोई अंतर नहीं दिया जाता। dt
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