कैथल : शिक्षा विभाग ने स्कूलों में पाठ्य पुस्तकों के स्थान पर गाइड के प्रयोग पर पाबंदी लगा दी है। अगर कोई अध्यापक सरकारी स्कूल में पुस्तक के स्थान पर गाइड का प्रयोग करता है तो उसके साथ-साथ शिक्षा विभाग स्कूल हेड को भी चार्जशीट करेगा। शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी डीईओ को इस तरह के आदेश दिए हैं।
मंगलवार को स्कूल खुलने के बाद ही जिला शिक्षा अधिकारी स्कूलों की चेकिंग करेंगे। शिक्षा अधिकारी गाइड से पढ़ाने वाले अध्यापक की प्रमोशन रोकने की सिफारिश कर सकते हैं। अगर कोई गाइड विक्रेता स्कूल में आता है तो उसके लिए स्कूल हेड जिम्मेदार होगा। हरियाणा अध्यापक संघ के सचिव सतबीर गोयत ने कहा कि बच्चों को मूल पुस्तक के स्थान पर गाइड से पढ़ाना बुरी बात है। सरकारी स्कूलों में गिर रहे शिक्षा स्तर का मुख्य कारण गाइड से पढ़ाई नहीं, सेमेस्टर प्रणाली है। अध्यापकों को कभी ट्रेनिंग के लिए बुला लिया जाता है तो कभी विभिन्न प्रकार के सर्वेक्षण में बीएलओ नियुक्त कर दिया जाता है। ऐसे में अध्यापक मजबूर होकर गाइड का सहारा लेते हैं। अध्यापक या तो मूल पुस्तकों को पढ़ा सकते हैं या फिर बच्चों को लिखवा सकते हैं। उप जिला शिक्षा अधिकारी शमशेर सिंह सिरोही ने कहा कि शिक्षा निदेशक के इस तरह के आदेश मिले हैं। अध्यापक पुस्तकों को पढ़ कर सरल भाषा में बच्चों को समझा सकते हैं। बच्चों की भी पुस्तकें पढऩे में रूचि पैदा होगी। db
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