** शिक्षकों व पुलिस के बीच हुई झड़प, कल से कक्षाओं का करेंगे बहिष्कार
** सरकार का जवाब 8 से 10 दिन में आने की उम्मीद
चंडीगढ़ : कंप्यूटर शिक्षकों का शोषण कर रही निजी कंपनियों पर प्रदेश सरकार की मेहरबानी प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को अखर गई है। पीएमओ ने प्रदेश के मुख्य सचिव व शिक्षा विभाग से पूरे मामले पर जवाब तलब किया है। पीएमओ की ओर से पूछा गया है कि तीन महीने पहले दोषी पाई जा चुकी निजी कंपनियों पर सरकार कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है? पीएमओ अधिकारियों ने कंप्यूटर शिक्षकों को बताया कि हरियाणा सरकार का जवाब 8 से 10 दिन में आने की उम्मीद है, इसके बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
नई दिल्ली में पांच दिन से जंतर-मंतर पर अनिश्चितकालीन धरना दे रहे कंप्यूटर शिक्षकों ने सोमवार दोपहर दो बजे पीएमओ की ओर कूच किया। कंप्यूटर शिक्षक पीएमओ के अधिकारियों से यह जानना चाहते थे कि 13 जून को उन्होंने जो मांग पत्र सौंपा था, उस पर क्या कार्रवाई हुई है? लेकिन पुलिस ने जंतर-मंतर से आधा किलोमीटर की दूरी पर ही शिक्षकों को रोक दिया। इस दौरान शिक्षकों व पुलिस में झड़प भी हुई। शिक्षक बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ गए। इस दौरान पुलिस की कुछ शिक्षकों से हाथापाई भी हुई। पुलिस ने करीब आधा किलोमीटर और आगे जाकर शिक्षकों को फोर्स बुलाकर रोक लिया।
मामले में होगी उचित कार्रवाई
पुलिस अधिकारियों ने प्रशासन को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद कंप्यूटर शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान बलराम धीमान, सुरेश नैन, अमर राणा व प्रीत कौर को पीएमओ में अधिकारियों से मिलाने ले जाया गया। पीएम अधिकारियों ने बताया कि उनके मांग पत्र पर कार्रवाई करते हुए हरियाणा सरकार से जवाब मांगा गया है। उनके मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।
कंप्यूटर एसोसिएशन के प्रधान धीमान ने बताया कि पीएमओ ने दस दिन इंतजार करने का आश्वासन दिया है। मंगलवार को शिक्षक मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी से मुलाकात कर अपनी समस्याएं बताएंगे। हरियाणा की शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने रविवार को तीन दिन में कंपनियों पर कार्रवाई के लिए समय मांगा है। इसके बाद ही आगामी रणनीति बनाई जाएगी। अभी शिक्षकों ने निर्णय लिया है कि वे मंगलवार से कक्षाओं का बहिष्कार कर जंतर-मंतर पर डेरा डालेंगे।
याद रहे कि प्रदेश सरकार ने 2622 कंप्यूटर शिक्षकों को निजी कंपनियों के जरिए सरकारी स्कूलों में बीते वर्ष तैनात किया है। इन्हें सात महीने का वेतन नहीं दिया गया है। इसके अलावा शिक्षकों से लगभग 8 करोड़ रुपये की सिक्योरिटी राशि वसूल ली गई है। जिसका समझौते में प्रावधान नहीं है। इसके अलावा प्रशिक्षण के नाम पर भी पैसे वसूले जा रहे हैं। शिक्षा विभाग कंपनियों को विभागीय जांच में दोषी करार दे चुका है, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही। dj
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