** प्रत्येक ब्लॉक से पांच स्कूल का होगा चयन
गुड़गांव: डिजिटल हरियाणा की तर्ज पर सरकारी स्कूलों के बच्चे अब स्मार्ट क्लास में पढ़ने का सपना पूरा कर सकेंगे। इसमें तकनीकी रूप से कुशल स्टाफ बच्चों को शिक्षित करेंगे। निदेशालय का प्रोजेक्ट परवान चढ़ने के बाद विद्यार्थी निजी स्कूलों से किसी मायने में कम नहीं रहेंगे। इसके लिए मौलिक शिक्षा निदेशालय ने बतौर पायलट प्रोजेक्ट प्रदेश के 490 स्कूलों और सात डाइट (जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान) में वर्चुअल क्लास रूम बनाने का निर्णय लिया है।
बदलते जमाने में अब स्मार्ट क्लास की आवधारणा महंगे निजी स्कूलों में लागू किया गया है। मौलिक शिक्षा निदेशालय वर्चुअल क्लास रूम के जरिए डिजिटल पढ़ाई की ओर आगे बढ़ रहा है। प्रथम चरण मेें प्रत्येक ब्लॉक में पांच सरकारी स्कूलों का चयन कर उसे स्मार्ट क्लास से लैस किया जाएगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् (एससीईआरटी) से सात डाइट की सूची मांगी गई है। सभी डीईईओ को स्कूलों की सूची तैयार कर भेजने के निर्देश दिए हैं।
एजुकेशन एंड रिसर्च नेटवर्क (ईआरनेट) द्वारा तैयार इस प्रोजेक्ट को लेकर शिक्षा निदेशालय गंभीर दिख रहा है। प्रथम चरण में कार्य पूरा होने के बाद दूसरे व तीसरे चरण में सभी विद्यालयों में स्मार्ट क्लास से लैस करने की योजना तैयार की गई है।
दो मेगाबाइट कनेक्टिविटीः
स्मार्ट क्लास को इंटरनेट सुविधा से जोड़ा जाएगा। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में 02 मेगा बाइट प्रति सेकेंड की कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई जाएगी। डाइट में 512 किलोबाइट प्रति सेकेंड का बैंड लगाया जाएगा। अधिकतम 20 सरकारी स्कूलों को इस बैंड सेवा से जोड़ा सकेगा। डाइट में 10 मेगाबाइट प्रति सेकेंड इंटरनेट कनेक्टिविटी देने पर विचार किया जाएगा।
दो प्रशिक्षित शिक्षक होंगे तैनातः
स्मार्ट क्लास में स्मार्ट शिक्षकों की तैनाती होगी। एक स्कूल में न्यूनतम दो प्रशिक्षित शिक्षक को लगाया जाएगा। ऐसे शिक्षकों को जिन्हें कंप्यूटर का बेसिक ज्ञान हो। सिस्टम ऑपरेट करने में कोईपरेशानी अनुभव न करें। उपकरणों के रख रखाव व सुरक्षा भी उन्हीं के जिम्मे होगा। डाइट व स्कूल में एक-एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। au
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.