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Monday, 31 August 2015

नई शिक्षा नीति : आठवीं तक फेल न करने की शर्त उचित नहीं

गुड़गांव : शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिए जिला शिक्षा अधिकारी व उप शिक्षा अधिकारियों की एक बैठक हुई। शिक्षा निदेशक ने इस बैठक को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। नई शिक्षा नीति के बारे में ग्राम सभा स्तर पर जुटाए जा रहे लोगों के सुझाव की जानकारी मांगी।
जिला शिक्षा अधिकारी मनोज कौशिक ने बताया कि उन्होंने नई शिक्षा नीति को लेकर आए सुझावों के बारे में बता दिया है। उन्हें कांफ्रेंसिंग में बताया गया कि किस तरह से इन सुझावों को निदेशालय तक पहुंचाया जाए। डा. कौशिक के मुताबिक ग्राम सभाओं में तकरीबन 300 सुझाव आए हैं, जिन्हें स्कैन कर कर भेजा जाएगा। वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी के साथ उप जिला शिक्षा अधिकारी ज्ञानवती भी वहां मौजूद रहीं। 
आठवीं तक फेल न किए जाने पर असहमति 
अधिकतर लोग पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक फेल न किए जाने की नीति से असहमत हैं। लोगों ने इस प्रावधान को हटाने का सुझाव दिया है। जिले के सोहना खंड के छात्र अभिजीत व पुनीत के मुताबिक नई शिक्षा नीति में इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि विद्यार्थियों को हर स्तर पर परखे जाने व फेल किए जाने का डर हो ताकि वे पढ़ाई को गंभीरता से ले सकें। इसी तरह फरुखनगर स्थित गांव के निवासी राम शरण के मुताबिक आठवीं कक्षा तक ही तो विद्यार्थी की नींव मजबूत होती है। पढ़ाई करने के लिए इसी दौरान आदत पड़ती है। ऐसे में अभी तो विद्यार्थियों को पढ़ाई का डर ही नहीं है तो आखिर वे पढ़ाई को गंभीरता से लेना ही कैसे सीख पाएंगे। नई शिक्षा नीति में अधिकतर गांवों से लोगों के इसी तरह के सुझाव थे की प्राथमिक कक्षाओं में फिर से परीक्षा का वही सिस्टम लागू किया जाए जो पहले थे। विद्यार्थियों को फेल होने का डर होना चाहिए।                                                             dj6:47pm

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