हरियाणा : सुझाव दिवस के लिए संडे के दिन स्कूल खोलने के सरकारी आदेशों का मिलाजुला असर दिखा। कई जगह स्कूल खुले दिखे, कई जगह औपचारिकता निभाने के लिए घंटे भर काम किया, तो कई जगह ताला खुला ही नहीं। अध्यापक संगठनों ने इसका बहिष्कार किया था। करनाल में आक्रोश रैली भी की गई। असल में केंद्र सरकार की ओर से नई शिक्षा नीति पर सुझाव के लिए यह कार्यक्रम था। जिसमें शिक्षकों, एसएमसी सदस्यों और अभिभावकों से शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए सुझाव देने को कहा था।
पानीपत के मॉडल संस्कृति स्कूल में सुबह 10 बजे स्टाफ सदस्य मीटिंग खत्म करके जा चुके थे और प्राचार्या के कमरे पर ताला लगा हुआ था। नुरवाला स्कूल में सवा दस बजे कोई नहीं था। स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) प्रधान तेजपाल बोले, प्रिंसिपल ने हमें तो सूचना ही नहीं दी थी। कई जगह शिक्षकों ने बताया कि छुट्टी के अलावा किसी और दिन सुझाव दिवस होना चाहिए था। ग्रामीण इलाकों में लोग पंचायत चुनावों में उलझे हैं। वैसे सभी स्कूलों से सोमवार शाम तक डीईओ को रिपोर्ट पहुंचनी है।
कहीं मिड डे मील बंद करने तो कहीं डिब्बाबंद खाना देने के सुझाव
भिवानी : मिडडे मील बंद हो और आठवीं का बोर्ड दोबारा लागू हो।
फतेहाबाद: विद्यार्थियोंको लर्निंग कराने के लिए विजुअल का ज्यादा प्रयोग हो।
रोहतक: यातो मिड डे मील बंद हो या फिर स्कूलों में डिब्बा बंद खाना मिले। एसएमसी भंग हों, इनसे राजनीति होती है।
झज्जर: सरकारीकिताबों को सीबीएसई की तरह कलरफुल किया जाए। खेल के दो पीरियड हों।
स्कूलों में हिंदी-अंग्रेजी के अलावा दूसरी भाषाओं का ज्ञान भी दिया जाना चाहिए। विदेशी भाषाओं की जानकारी होना बहुत जरूरी है।
कुरुक्षेत्र: परीक्षाके बाद फेल-पास का भी नियम होना चाहिए। अध्यापकों से गैर शैक्षणिक कार्य लिए जाएं।
कैथल: देशभरमें समान शिक्षा समान पाठ्यक्रम लागू हो, सेमेस्टर सिस्टम की बजाए वार्षिक परीक्षाएं हों।
यमुनानगर: सभी शिक्षकों की सेवाएं नियमित हों। मिडिल तक बोर्ड परीक्षा दोबारा लागू किया जाए। db
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