** किसी भी तरह की धांधली से किया इंकार
** परिणाम से जुड़े कंप्युटर व हार्ड डिस्क हाईकोर्ट ने की हुई है सील
** चयनित 9455 जेबीटी टीचर को नियुक्ति देने का मामला
चंडीगढ़ : हरियाणा में पिछले साल चयनित 9455 जेबीटी टीचर को बड़ी राहत मिली है। ये चयनित टीचर नियुक्ति का हंतजार कर रहे हैं। कर्मचारी चयन आयोग ने इनकी भतीं के लिए हुई परीक्षा में अंक देने में किसी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है। आयाेग के सचिव महावीर कौशिक व पूर्व टीचर सलेक्शन कमीशन की प्रोग्रामर सविता ने इस संबंध में साेमवार को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा कि अंक जोड़ने में तकनकी गड़बड़ी हो गई थी।
हाईकोर्ट ने नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगा रखी है। मामले में सरकार की ओर से कहा गया था कि डाटा एकत्र करते समय अंक जोड़ने में गलती हुई, लेकिन सभी अभ्यर्थियों को अंक पूरे दिए गए।
हाई कोर्ट की एकल पीठ में दिए हलफनामे में प्रोग्रामर सविता ने कहा है कि वह ठेके पर काम कर रही है। पहले वह टीचर सलेक्शन बोर्ड व अब स्टाफ सलेक्शन बोर्ड में काम कर रही हैं। रिजल्ट अपलोड करते एमए वाले उम्मीदवारों के दो अंक जोड़े बिना ही उनके कुल अंक का डाटा लोड कर दिया।
उन्होेंने कहा कि फाइनल रिजल्ट तैयार करते समय उसमें फार्मूला गलती के कारण एमए पास उम्मीदवारों के दो अंक साक्षात्कार में नहीं जोड़ गए थे। बाद में गलती सामने आने के बाद उसे ठीक कर दिया गया था । उसी के आधार पर मेरिट लिस्ट बना कर रिजल्ट वेब साइट पर लोड कर दिया गया।
इससे पहले भी सविता ने कोर्ट में पेश होकर स्वीकार किया था कि इस भर्ती का रिजल्ट अपलोड करते समय उससे गलती हुई है और उसकी गलती से एमए वाले उम्मीदवारों के दो अंक नहीं जोड़े जा सके थे। एकल पीठ ने प्रोग्रामर से कहा कि वह स्पष्ट तौर पर बताए कि कि क्या वास्तव में उससे गलती हुई है या किसी अन्य दवाब में एमए वालों के दो अंक नही जोड़े गए। इस पर प्रोग्रामर ने कहा कि उससे गलती हुई है उस पर किसी का दवाब नही था। बाद में गलती ठीक कर दी गई थी।
कर्मचारी चयन आयोग के सचिव महावीर कौशिक ने हाईकोर्ट को बताया कि यह भर्ती टीचर सलेक्शन बोर्ड ने की थी। उसे भंग करने के बाद उसका रिकार्ड कर्मचारी चयन आयोग के पास आ गया है। इस भर्ती में परिणाम कंप्यूटर सिस्टम शाखा ने तैयार किया था।
उन्होंने बताया कि रिजल्ट की पीडीएफ फाइनल करने से पहले बोर्ड द्वारा इसे चेक किया गया था। लेकिन परिणाम वेब साइट पर डालने के बाद जब बोर्ड को पता चला कि एमए पास को मिलने वाले दो अतिरिक्त दो अंक नहींं जोड़े गए हैं तो उसे ठीक रजो साक्षात्कार में दिए जाने थे उनको अकादमी में जोड़ दिया गया। यह एक तकनीकी गलती थी, इसके बावजूद टोटल सही था।
उन्हाेेंने कहा कि इस तरह किसी को कम अंक नही दिए गए। बोर्ड ने भर्ती की पूरी जानकारी हलफनामे में देते हुए कहा कि वह कोर्ट के आदेश पर अलग-अलग कमेटी की रिपोर्ट, मेरिट वाइज नियुक्ति की सिफारिश, रिजल्ट लिस्ट, मेरिट लिस्ट, उपस्थिति तालिका इत्यादि कोर्ट में पेश कर सकता है। हाईकोर्ट ने इस भर्ती का रिजल्ट व डाटा वाली हार्ड डिस्क व पांच कप्यूटर को पहले ही सील किया हुआ हैं।
एक स्नातकोत्तर (एमए) योग्यता प्राप्त अभ्यर्थी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि सरकार के नियमों के अनुसार चयन प्रक्रिया के दौरान उसे शैक्षणिक योग्यता के दो अंक अधिक मिलने थे। शैक्षणिक योग्यता में इनका लाभ दे दिया गया, लेकिन इंटरव्यू में हासिल अंकों में से उसके दो अंक काट लिए गए। ऐसे में वह चयन से वंचित रह गया। हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इन दोनो के हलफनामे पर मंगलवार को कोर्ट विचार कर अपना फैसला सुना सकता है । dj5:57pm
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