कुरुक्षेत्र : राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान प्रशासन की ओर से शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर उच्च न्यायालय ने अगले आदेश तक रोक लगा दी है। इस मामले में निट शिक्षक संघ ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। शिक्षकों का कहना है कि निट प्रशासन ने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में नियमों के खिलाफ फोर टीयर का प्रयोग किया है, जो निट गवर्निग बॉडी के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान ने पिछले वर्ष के अंत में 78 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी, जिसके लिए संस्थान की ओर से आवेदनों की छंटनी प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई थी और अगले माह में साक्षात्कार होने वाले थे। संस्थान प्रशासन ने नई भर्ती प्रक्रिया में फोर टायर प्रारूप प्रयोग किया है।
जिस पर शिक्षकों को आपत्ति है। शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो. विकास चौधरी ने बताया कि निट प्रशासन ने थ्री टायर को बदल कर फोर टायर प्रारूप को प्रयोग किया है। निट प्रशासन ने प्रारूप को केवल निट गर्वनिंग बॉडी की बैठक में ही बदला है, जबकि इसे बदलने के लिए राष्ट्रपति की अनुमति की आवश्यकता है। शिक्षक संघ इस मामले को लेकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में गया था। न्यायालय ने अगले आदेशों तक भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।
क्या है फोर टायर प्रारूप :
अब तक विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थानों में थ्री टायर सिस्टम लागू है, जिसके तहत प्रारंभिक रूप से शिक्षक असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत होता है और उसके बाद एसोसिएट प्रोफेसर और अंत में प्रोफेसर के पदों पर पदोन्नति प्राप्त कर सकता है। जबकि फोर टायर में असिस्टेंट प्रोफेसर अनुबंधित आधार, असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और फिर प्रोफेसर के पदों पर पदोन्नति। इस प्रारूप में शिक्षकों को नुकसान है और इससे शिक्षकों का भर्ती होते ही ग्रेड पे भी कम होता है। निट प्रशासन की ओर से पिछली भर्ती प्रक्रिया भी विवादों में रही थी। उस समय कुछ आवेदकों को साक्षात्कार का मौका नहीं दिया गया था। dj
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.