चंडीगढ़ : बीते 70 दिन से पंचकूला स्थित शिक्षा सदन के बाहर धरने पर बैठे हरियाणा के सरकारी स्कूलों के कंप्यूटर शिक्षक प्रदेश के शिक्षा मंत्री के हालिया बयान पर भड़क उठे हैं। शुक्रवार को शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा ने कहा था कि कंप्यूटर शिक्षकों की केवल तीन मांगें थीं, जिन्हें मान लिया गया है। अब कोई मांग बाकी नहीं है। कंप्यूटर शिक्षकों का आरोप है कि शिक्षा मंत्री इस बात को छिपा गए कि कंप्यूटर शिक्षक स्थायी नौकरी पाने के लिए उन्हें शिक्षा विभाग में समायोजित किए जाने की मांग कर रहे हैं।
कंप्यूटर शिक्षकों का कहना है कि एक ओर तो शिक्षा मंत्री मांग पर लीपापोती कर रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री ने हाल ही में कंप्यूटर शिक्षकों की मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया है। अब शिक्षा मंत्री के बयान से खफा कंप्यूटर शिक्षकों ने रविवार को सड़कों पर उतरने का फैसला किया है। रविवार को महेंद्रगढ़ में शिक्षा मंत्री का पुतला जलाया जाएगा।
शिक्षक संघ के प्रवक्ता सुरेश नैन ने कहा है कि डेढ़ साल से कंप्यूटर शिक्षकों की एक ही मांग यह है कि उन्हें शिक्षा विभाग में समायोजित किया जाए। ऐसे में शिक्षा मंत्री से उनका सवाल है कि उन्होंने शिक्षकों की भला कौन सी मांग पूरी कर दी है। उन्होंने कहा कि आज तक न तो वेतन जारी किया गया और न ही 24000 हजार रुपये की सिक्यूरिटी राशि वापस की गई है।
संघ के प्रदेश प्रधान बलराम धीमान ने बताया इस प्रकार की नीति सहन नहीं की जाएगी। अगर सरकार मांग पर जल्द उचित कार्रवाई नहीं है करती तो सरकार का कड़ा विरोध किया जाएगा। इस बीच, शनिवार को शिक्षक टोहाना में भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला से मिले। बराला ने जल्द शिक्षकों की मांगों को पूरा कराने का आश्वासन दिया है। au
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