हिसार : स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के प्रति चिंतित अभिभावकों के लिए राहत भरी खबर है। अब उनका बच्चा स्कूल कब पहुंचा, कब बाहर निकला, होमवर्क सहित अन्य जरूरी सूचनाएं एक संदेश या एसएमएस के जरिए मोबाइल पर मिलेगी। विद्यार्थियों के बंक मारने की जानकारी भी उन्हें मिल जाएगी।
राह ग्रुप फाउंडेशन ने ऐसा साफ्टवेयर तैयार किया है जो उन्हें विद्यार्थियों की पल-पल की खबर देगा। फाउंडेशन ट्रायल के तौर पर इस साफ्टवेयर को अप्रैल माह से हिसार जिले के पांच स्कूलों में शुरू करने जा रहा है।
इलेक्ट्रॉनिक आइकार्ड रहेगा अहम
इस साफ्टवेयर में सबसे अहम भूमिका रहेगी बच्चों को दिए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक आइकार्ड की जो सीधे तौर पर जीपीआरएस सिस्टम जैसे तकनीक से स्कूल में उपलब्ध सर्वर से जुड़ा रहेगा। इस कार्ड में ां विद्यार्थी का पूर्णविवरण दर्ज होगा। साथ ही इस कार्ड में लगी चिप के माध्यम से बच्च जहां भी होगा उसके बारे में पलभर में जानकारी अभिभावकों व अध्यापकों को मिल जाएगी।
स्कूल बस लोकेशन पर नजर
इससे स्कूल बस की लोकेशन के साथ-साथ स्कूल बस में मौजूद विद्यार्थियों का पूरा विवरण जान सकेंगे। यदि कोई विद्यार्थी किसी कारण से स्कूल परिसर से बाहर आता है तो उसके अभिभावकों को यह एसएमएस चला जाएगा।
बंक मारते ही मिलेगी जानकारी
यदि विद्यार्थी इस साफ्टवेयर तकनीक को झांसा देने के लिए मुख्य द्वार या अन्य दरवाजों की बजाय किसी दीवार को फांद कर या छत के माध्यम से या खेल के मैदान से स्कूल में साफ्टवेयर द्वारा निर्मित इलेक्ट्रोनिक्स दायरे से बाहर गया तो यह साफ्टवेयर एक साथ उसके क्लास इंचार्ज, प्राचार्य व उसके अभिभावकों को एसएमएस भेज देगा।
गलत बस में बैठे तो तुरन्त होगी पहचान :
यदि तय रुट के अलावा कोई दूसरा विद्यार्थी गलती से किसी बस में बैठता है तो चालक को तुरन्त इसकी जानकारी मिल जाएगी। गलत स्टाप पर उतरने वाले विद्यार्थियों की सूचना भी बस चालक व स्कूल मैनेजमेंट को मिल जाएगी।
बस खराब की जानकारी मिलेगी :
बस चालक द्वारा तय रुट बदलने, बस खराब होने या जाम लगने की स्थिति में स्कूल मैनेजमेंट को इसकी तुरन्त जानकारी मिल जाएगी। जिससे कि समय रहते इसकी जानकारी अभिभावकों को जरुरत के हिसाब से भेजी जा सकेगी।
स्कूल प्रबंधन के लिए मददगार :
यह साफ्टवेयर निजी स्कूलों के प्रबंधन व सरकारी स्कूलों से जुड़े अधिकारियों के लिए काफी मददगार साबित होगा। इससे स्कूल के विद्यार्थियांे की सही संख्या, अध्यापकों के स्कूल में आने-जाने का समय दर्ज होने के अलावा स्कूल परिसर में प्रवेश करने वाले वाहनों का रिकार्ड अपने आप प्रबंधन या संबंधित अधिकारियों के पास चला जाएगा। इससे वे देख सकेंगे की कौन सा अध्यापक कितनी बार स्कूल समय से पहले और कौन देरी से आए हैं। तीन माह का रिकार्ड मात्र तीन सेकेंड में देख सकेंगे। dj
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