गोहाना : सर्व कर्मचारी संघ से सम्बद्ध हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के सोनीपत जिला अध्यक्ष संजीव मोर ने मांग की है कि 0-18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों का सर्वेक्षण अध्यापकों से नहीं बल्कि प्राइवेट कम्पनियों से करवाया जाए।
वह कहते हैं कि इस समय जब कि अध्यापकों पर शत-प्रतिशत दाखिले करने और रिज़ल्ट तैयार करने आदि का भारी दबाव है, तो शिक्षा विभाग ने दो तुगलकी फरमान जारी कर दिए हैं। एक है हर बच्चे के अभिभावक को वर्षभर की प्रगति का रिपोर्ट कार्ड 31 मार्च तक देना और दूसरा आदेश है, घर-घर जा कर 0-18 वर्ष तक के बच्चों का विस्तृत सर्वेक्षण करने का। प्रेस वार्ता में मोर ने कहा कि कायदे से ये प्रगति कार्ड शिक्षा विभाग को सत्र शुरू होते ही अप्रैल 2014 में स्कूलों में भेज देने थे ताकि साथ की साथ हर महीने प्रत्येक बच्चे का प्रगति कार्ड अपडेट होता रहता। किन्तु ये अब मार्च 2015 में स्कूलों में पहुंचे हैं तथा ऊपर से तुर्रा यह कि 31 मार्च तक पूरे कर अभिभावकों को देने का दबाव है।
उन्होंने कहा कि जब बाकी के काम प्राइवेट कम्पनियों से करवाए जा सकते हैं तो 0-18 वर्ष के बच्चों का विस्तृत सर्वेक्षण उन कम्पनियों से क्यों नहीं करवाया जा सकता। गुड़गांव में एससीईआरटी के तहत 10 प्राइवेट कम्पनियां क्या काम कर रही हैं। dt
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