भिवानी : देशभर में बीएड कोर्स करना आसान नहीं होगा, क्योंकि इस नए सत्र से बीएड कोर्स दो साल का होने जा रहा है। ऐसे में अब लाखों विद्यार्थियों को बीएड करने के पहले से अधिक दुगनी फीस देनी होगी। इसको लेकर नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन यानी एनसीटीई ने देशभर के बीएड कॉलेजों में एक पत्र भेजा है। पत्र के अनुसार नए सत्र से बीएड कॉलेजों को विद्यार्थियों को बीएड कोर्स दो साल तक चार सेमेस्टर में करवाना होगा।
ऐसे में बीएड कॉलेज संचालकों के पास कॉलेज को चलाने के लिए फीस बढ़ाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प होगा। इस बदलाव के कारण फीस बढ़ती है, तो इसका बोझ विद्यार्थी को ही उठाना होगा। वहीं एनसीटीई द्वारा कॉलेजों को निर्देश दिये गए है कि वे अपने कॉलेज में इंफ्रास्ट्रक्चर भी बढ़ाए, ताकि सीटें अधिक से अधिक हो सके। ऐसे में उक्त शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों की शिक्षक बनने की चाह में ओर देरी लगेगी। दूसरी ओर कॉलेज चलाने में संचालकों के इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने को लेकर पसीने छूट जाएंगे। उक्त कोर्स करने वालों को साल में करीबन 35 से 45 हजार रुपये फीस के रूप में खर्च करने पड़ते है, लेकिन अब नए सत्र से दो साल का कोर्स हो जाने के कारण शिक्षक बनने की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों 90 हजार रुपये तक मोटी फीस चुकानी होगी। यदि कॉलेज अक्टूबर तक इंफ्रास्ट्रक्टर को बढ़ा लेते है तो उन्हें पहले से अधिक सीटों की मान्यता मिलेगी, अन्यथा नहीं।
सिलेबस में होगा बदलाव :
एनसीटीई के एक अधिकारी ने नाम ने छपने की शर्त पर बताया कि पहले सेमेस्टर में तो विद्यार्थियों को स्कूल में जाकर पढ़ाना होगा। साथ ही इस बार बीएड कोर्स का सिलेबस भी अलग होगा। dj
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