.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Sunday, 22 March 2015

भीषण गर्मी में शिक्षक नापेंगे गांवों की गलियां

** सभी बच्चो को स्कुल लाने तथा आधार कार्ड बनवाने का करेंगे काम 
फतेहाबाद : इस बार अप्रैल महीने की गर्मी में शिक्षकों को काफी कसरत करनी पड़ेगी। किसानों व मजदूरों के बराबर पसीना बहाना पड़ेगा। लोग खेतों में काम कर रहे होंगे। इधर, शिक्षक हाथों में रजिस्टरी उठाए गलियों में घूमते दिखाई देंगे।
शिक्षा विभाग ने जिम्मेदारी ऐसी सौंप दी कि एक दिन भी चैन से नहीं बैठ सकते। अपनी जिम्मेदारी पूरा करने के लिए खेतों में भी चक्कर काटने पड़ सकते हैं। इनमें सबसे अहम जिम्मेदारी है सभी बच्चों को स्कूल लाना और उनके आधार कार्ड बनवाना। इतना ही नहीं, इस बार तो दाखिले भी ऑनलाइन होंगे। शिक्षक अभी से उलझन में हैं कि अप्रैल में वह ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी करवाएंगे या घर घर जाकर बच्चों के नाम पते दर्ज करेंगे। स्कूल मुखियाओं को जारी पत्र में छह कार्यो को प्रमुखता से निपटाने के आदेश दिए गए हैं। कहा है कि जो बच्चे अभी स्कूल नहीं आ रहे, उनका सर्वे करवाया जाए। उनके अभिभावकों से मिलकर उन्हें स्कूलों में लाया जाए। यह काम प्राथमिक शिक्षकों से करवाया जाएगा। सभी बच्चों के आधार कार्ड बनवाए जाएं। क्योंकि इस बार ऑनलाइन दाखिले हो रहे हैं और दाखिले को आधार से लिंक किया जाना है। कमजोर स्तर के बच्चों की उपचारात्मक कक्षा लगानी होगी। उन्हें खेल खेल में पढ़ने की आदत डालनी है। सभी तरह के फंड व अन्य रिकॉर्ड भी अपडेट करना होगा। इस बीच स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों के साथ बैठक भी अनिवार्य होगी ताकि बच्चों को सरकारी स्कूलों में लाया जाए। इसके अलावा सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाना अपने आप में अहम जिम्मेदारी है।
अभिभावकों को ढूंढना पड़ेगा 
गांवों में बड़ी आबादी खेती व मजदूरी के सहारे पेट भरती है। उनके लिए गेहूं की कटाई का सीजन साल भर की रोटी का जुगाड़ होता है। इसलिए काफी मजदूर कई दिन के लिए गेहूं की कटाई के लिए निकल पड़ते हैं। वे बच्चों को भी साथ ले जाते हैं ताकि उनकी निगरानी में रहें। उन परिवारों से संपर्क करना और बच्चों को स्कूल में लाना अपने आप में चुनौती है। इसके लिए शिक्षकों को खेतों के रास्ते सभी पूछने पड़ सकते हैं। 
कोई दिक्कत वाली बात नहीं: डीईईओ 
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी डॉ. यज्ञदत्त वर्मा का कहना है कि फसली अवकाश का ज्यादा महत्व नहीं होता। एक तो आजकल गेहूं कटाई मशीनों से होती है। नरेगा के कारण मजदूर कम की पलायन करते हैं। बाकी इस बार गेहूं की कटाई देरी से शुरू होने की संभावना है। ऐसे में ज्यादा दिक्कत वाली बात नहीं रहेगी।                                                                       dj

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.