भिवानी : उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य का मास्टरों ने बहिष्कार कर प्रदर्शन किया। विरोध देख शिक्षा बोर्ड ने दसवीं की उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन का कार्य एक अप्रैल से कराने का फैसला लिया है। मास्टर एक ही समय में दो जगह ड्यूटी निर्धारित किए जाने का विरोध कर रहे थे।
एक तरफ शिक्षा बोर्ड ने दसवीं की उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन का कार्य 26 मार्च से कराने का निर्णय लिया था, जबकि छठी से आठवीं तक के बच्चों की उत्तर पुस्तिका जांच का कार्य भी 26 मार्च से ही शुरू कराया था। ऐसे में जिन अध्यापकों की ड्यूटी मैट्रिक की उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन में लगी थी, उन्हीं टीचरों की ड्यूटी छठी से आठवीं तक के पेपर जांचने में भी लगा दी गई थी। शिक्षक इस दुविधा में फंसे थे कि वे किस जगह ड्यूटी दें और किस जगह ड्यूटी ना दें। गुरुवार सुबह मास्टर मार्किंग सेंटर पर तो पहुंचे, लेकिन उन्होंने अपना काम शुरू करने के बजाय इसका बहिष्कार कर विरोध कर नारेबाजी शुरू कर दी। शिक्षा विभाग ने दसवीं की उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन का कार्य एक अप्रैल से प्रारंभ करने का फैसला ले लिया।
हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव विकास शर्मा ने बताया कि इस स्थिति के बारे में बोर्ड प्रशासन को पहले ही अवगत करा दिया था। लेकिन शिक्षा बोर्ड सचिव अपने अडिय़ल रुख को अपनाए हुए थे।
25 मार्च को एससीईआरटी गुड़गांव से पत्र जारी कर कहा गया था कि कक्षा 6 से 8 तक की ड्यूटी देने वाले अध्यापकों को कार्यभार मुक्त कर दसवीं कक्षा के मूृल्यांकन कार्य के लिए आदेश जारी किए जाएं। मगर आज मार्किंग सेंटर पर शिक्षकों की उपस्थिति बहुत कम थी। इसी वजह से आननफानन में बोर्ड प्रशासन ने मूल्यांकन कार्य बंद करने की सूचना केंद्रों पर भेज दी। भविष्य में बोर्ड प्रशासन शिक्षा विभाग को तालमेल बैठाकर काम करना होगा। db
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