भिवानी : निजी स्कूलों की विभिन्न प्रकार की लूट पर अब शिक्षा विभाग शिंकजा कसता जा रहा है। विभाग ने न केवल बच्चों की हर वर्ष लगने वाली एडमिशन फीस पर रोक लगाई है वही विभाग ने जरुरंत मदों को दाखिला देने के आदेश भी दिए है। साथ ही स्कूल में एनसीआरटी द्वारा तैयार की गई पुस्तकें पढ़ाने के आदेश भी दिए है, ताकि निजी स्कूल मनमाना कमीशन बच्चों से लूटने के लिए निजी प्रकाशकों की किताबे न लगाई जाये।
निजी स्कूलों की खुली लूट पर अब शिक्षा विभाग सख्त हो गया है। इन पर नकेल कसने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखा था, जिसके बाद डीईओ ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों व मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर दिशा निर्देश जारी कर दिये गये हैं। हरियाणा शिक्षा कोड के अनुसार केवल एनसीईआरटी या संबंधित बोर्ड द्वारा निर्धारित पुस्तकें ही लगाई जाएं। विद्यालय द्वारा बच्चों को फीस की रसीद दी जाएं तथा फीस का विवरण सूचना पट पर लगाया जाने के भी आदेश इस पत्र में जारी किए हैं। विद्यालय में अध्यापक या अन्य कर्मचारियों को निजी स्कूल संचालको द्वारा शोषण न किए जा सके इसके लिए कम से कम डीसी रेट का वेतन भी लागू किया गया है। किसी विद्यालय द्वारा सरकार के इन नियमों को लागू न किए जाने की सूचना मिलने पर विभाग उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा।
शिक्षक हो प्रशिक्षित
विद्यालय में सभी अध्यापक विभागीय नियमानुसार प्रशिक्षित होने चाहिए। नियमों के अनुसार एक कक्षा में 40 से अधिक विद्यार्थी न बैठाएं जाएं। शिक्षा सहयोग संगठन के प्रधान बृज परमार ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा जो नियम जारी किए गए हैं, उनके बारे में सभी वर्गों के अभिभावकों को जागरूक किया जाएगा। इसके लिए संगठन द्वारा पंपलेट वितरित किए जाएंगे। वहीं हेल्प लाइन भी जारी की जाएगी, ताकि कोई भी अभिभावक हेल्प लाइन के माध्यम से अपनी समस्या के बारे में अवगत करवा चुके। dt
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