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Saturday, 21 March 2015

..अन्यथा डीईओ के खिलाफ हो सकता है मामला दर्ज

** शिक्षा बोर्ड द्वारा 19 मार्च को पत्र क्रमांक 1007-08 जारी
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की ओर से आयोजित की जा रही परीक्षाएं महत्वपूर्ण सरकारी कार्य है तथा इसमें व्यवधान पैदा करने पर आपराधिक मामला भी दर्ज किया जा सकता है। यदि बिना शिक्षा बोर्ड की पूर्व अनुमति के किसी भी जिले में बोर्ड स्टाफ को हटाया गया तो संबंधित जिला के जिला शिक्षा अधिकारी और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज किया जाएगा। यह चेतावनी शिक्षा बोर्ड के सचिव की ओर से जारी की गई है। प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियांे को शिक्षा बोर्ड के सचिव की ओर से पत्र जारी किया गया है।
गौरतलब है कि शिक्षा बोर्ड की ओर से 19 मार्च को जारी पत्र क्रमांक 1007-08 में कहा गया है कुछ जिला शिक्षा अधिकारी एवं मौलिक शिक्षा अधिकारी उनके अधीन कार्यरत कर्मचारियों, अध्यापकों, प्राध्यापकों की ड्यूटी बोर्ड कार्यो से हटाकर अन्य कार्यो पर लगाने के लिए पत्र जारी कर रहे हैं। बोर्ड सचिव ने कहा कि सभी जिला शिक्षा अधिकारी व सभी मौलिक शिक्षा अधिकारियों को ध्यान दिलाया जाता है कि विद्यालय बुनियादी ढांचा व अन्य संसाधन बोर्ड कार्यो के प्रयोगार्थ उपलब्ध कराने के लिए बाध्य हैं।
पत्र में कहा गया है कि प्रत्येक विद्यालय का भवन एवं स्टाफ बोर्ड परीक्षाओं में अपनी सेवाएं बोर्ड कार्य के लिए देने के लिए बाध्य हैं, अन्यथा विद्यालय की संबद्धता रद की जा सकती है। 
जिला शिक्षा अधिकारियों व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों के नाम लिखे पत्र में कहा गया है कि बोर्ड परीक्षाएं एक महत्वपूर्ण सरकारी कार्य है तथा इसमें व्यवधान उत्पन्न करने पर आपके खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज किया जा सकता है। इसलिए सभी संबंधित डीईओ और डीईईओ को निर्देश दिए गए हैं कि बोर्ड कार्यो में कार्यरत स्टाफ को बिना बोर्ड की पूर्व अनुमति के न हटाया जाए। पत्र में चेतावनी जारी की गई है कि यदि इस प्रकार का कोई भी मामला हमारे संज्ञान में आया तो उन मामलों को गंभीरता से लिया जाएगा तथा उनके खिलाफ त्वरित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
निजी विद्यालय नहीं करना चाहते काम
सूत्र बताते हैं कि निजी विद्यालय शिक्षा बोर्ड की ओर से जारी परीक्षाओं के तहत काम नहीं करना चाहते। इसका मुख्य कारण यह होता है कि निजी स्कूल अपने स्तर पर काम करते हैं। ऐसे में शिक्षा बोर्ड की ओर से परीक्षा होने से उनके स्कूल को केंद्र बना दिया जाता है। इस कारण निजी स्कूलों के कार्य में बाधा उत्पन्न होती है। सूत्र बताते हैं कि इसलिए कुछ निजी स्कूल संचालक शिक्षा अधिकारियों से गुजारिश कर अपने स्कूल का स्टाफ बदलवा लेते हैं।                                                                          djsrs

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