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Thursday, 1 May 2014

नियम 158 और 134 ए पर निजी स्कूल व शिक्षा विभाग आमने-सामने

** डीईओ बोलीं-मनमानी करने वाले स्कूलों पर होगी कार्रवाई 
** निजी स्कूल एसोसिएशन बोला- स्थिति के लिए सरकार जिम्मेदार
रोहतक : आरटीई अधिनियम की धारा 134 ए और नियम 158 को लेकर शिक्षा विभाग और निजी स्कूलों के प्रतिनिधि आमने-सामने हैं। नामांकन में आनाकानी और सरकार के निर्देश के अनुपालन नहीं करने पर शिक्षा विभाग के अधिकारी जहां सख्त कार्रवाई की चेतावनी दे रहे हैं, वहीं निजी स्कूल संचालक इस स्थिति के लिए सरकार को जिम्मेदार मान रहे हैं। 
सोमवार को पठानिया स्कूल के मुद्दे पर हुई मीटिंग में लिए गए निर्णय पर शिक्षा विभाग सख्त दिख रहा है। माना जा रहा है कि निजी स्कूलों में बच्चों के दाखिले को लेकर अभिभावकों की परेशानी अब कम हो सकती है। हालांकि बच्चों के अभिभावक अभी भी काफी पेसोपेश में हैं। वहीं फीस बढऩे की बात को लेकर 134 ए में नहीं आने बच्चों के अभिभावक भी परेशान दिख रहे हैं। 
उनका कहना है कि स्कूल हम पर अनावश्यक भार बढ़ा रहा है। नेहरू कालोनी के सेवानिवृत हेडमास्टर रामेश्वर हुड्डा ने बताया कि उनका पोता ईशु हुड्डा गोहाना रोड स्थित आईबी स्कूल में पढ़ता है। इस साल स्कूल ने अपनी फीस बढ़ा दी है। पिछले साल जहां तीन माह में करीब 6 हजार रुपए फीस थी वहीं इस बार 7 हजार रुपए कर दिया गया है। 
इन सबसे अलग 2 जमा 5 मुद्दे आंदोलन के रोहतास सिंह परमार का कहना है कि इन मुद्दों पर शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल से बात हुई है। 
बच्चों के भविष्य से खेल रही सरकार : रविंद्र नांदल 
वहीं बार बार 134 ए में बदलाव व दबाव की बात कहते हुए निजी स्कूल संचालक भी शिक्षा विभाग से खफा दिख रहे हैं। प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट रविंद्र नांदल से मनमाने फीस के मुद्दे पर बातचीत करने पर मामले की पूरी जानकारी ना होने की बात कहते हुए बताया कि निजी स्कूल अगर किसी बहाने भी फीस बढ़ाकर दूसरों पर भार बढ़ा रहे हैं तो ये गलत है। 134 ए के तहत दाखिले के मुद्दे पर सरकार और शिक्षा विभाग पर ही दोषारोपण करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को सोचना चाहिए कि आखिर लोग निजी स्कूलों की ओर क्यों भाग रहे हैं। पढ़ाई ही मुद्दा है तो क्या ये मान लिया जाए कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर सही नहीं है। अगर सरकार या विभाग को सोचना ही है तो इस मुद्दे पर सोचे। ड्रॉ के द्वारा निजी स्कूलों में 134 ए के तहत दाखिले के संबंध में उन्होंने कहा कि ऐसा करने की कोई जरूरत ही नहीं थी। जिस तरह कर्मचारियों को शिक्षा भत्ता दिया जाता है, उसी तरह बच्चों के पढ़ाई के लिए भी खर्चा सरकार दे देती और अभिभावक अपनी मर्जी से अपने पसंद के स्कूलों में दाखिला ले लेते। 
मनमानी पर होगी कार्रवाई : सत्यवती नांदल 
दाखिले व मनमाने फीस के मुद्दे पर बुधवार को जिला शिक्षा अधिकारी से बातचीत करने पर उन्होंने एक्शन लेने की बात करते हुए पठानिया स्कूल के मुद्दे पर कहा कि जब पहले से ही ये तय हो गया था कि 10 प्रतिशत सीट 134 ए के तहत रखनी है तो स्कूल अपनी मनमानी नहीं कर सकता। ऐसा करने वाले किसी भी निजी स्कूल की शिकायत विभाग के उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी। नांदल ने बताया कि बस, स्पोर्टस आदि के फीस 134 ए के अंतर्गत नहीं आते हैं, अभिभावकों की अधूरी जानकारी के चलते अभी भी कई लोग पहुंच रहे हैं।                                      db

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