** टेस्ट न होने से क्लर्क परेशान, शिक्षा विभाग को लेना था टाइप टेस्ट
कैथल : प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग एक तरफ अध्यापकों पर ट्रेनिंग नीड एसेस्मेंट टेस्ट के लिए दबाव बना रहा है। लेकिन दूसरी तरफ शिक्षा विभाग में कार्यरत लिपिकों का पिछले दो वर्षों से टाइपिंग टेस्ट नहीं लिया जा रहा।
टेस्ट लेने के लिए क्लर्क कई बार शिक्षा अधिकारियों को कह चुके हैं। शिक्षा विभाग में कार्यरत प्रमोद, नीलम, सुमन, सुरेश व प्रवीण ने बताया कि शिक्षा विभाग ने 26 अप्रैल 2012 को 3315 के करीब विभिन्न विभागों में क्लर्क नियुक्त किए थे। इनमें से 1600 क्लर्कों को शिक्षा विभाग में तैनात किया गया था। जिले भर में 2012 की भर्ती में 120 क्लर्क लगे थे। शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा हर तीन माह बाद क्लर्क का टाइपिंग टेस्ट लेना होता है। इस टेस्ट के आधार पर ही हर वर्ष जुलाई माह में शिक्षा विभाग में तैनात क्लर्क का इंक्रीमेंट तय होता है। उनका कहना है कि वे कई बार जिला शिक्षा अधिकारी को इस बारे में कह चुके है। शिक्षा विभाग में कार्यरत सभी क्लर्क कंप्यूटर की जानकारी रखते हैं। ऐसे में उन्हें टाइपिंग टेस्ट में कोई दिक्कत नहीं है।
इंक्रीमेंट रुकी, लाखों का नुकसान
पिछले दो वर्षों से जिले भर में तैनात 120 क्लर्क का टाइपिंग टेस्ट न होने से इंक्रीमेंट नहीं लगा। टाइप टेस्ट के आधार पर हर वर्ष जुलाई माह में कम से कम 3 प्रतिशत इंक्रीमेंट लगाया जाता है। लेकिन पिछले दो वर्षों से इंक्रीमेंट न लगने के क्लर्क में भारी रोष है। जबकि जींद, करनाल और रोहतक जैसे जिलों में एक वर्ष पहले ही टाइप टेस्ट ले लिया गया था। इन जिलों में लगे क्लर्कों को दो वर्ष से इंक्रीमेंट की सुविधा मिल रही है। लेकिन कैथल जिले में अभी भी जिला शिक्षा अधिकारियों ने टेस्ट लेने की योजना नहीं बनाई।
इस बार होगा टेस्ट :
जिला शिक्षा अधिकारी दयानंद आंतिल ने बताया कि उन्होंने कुछ समय पहले टाइप टेस्ट लेने की योजना बनाई थी। लेकिन चुनाव होने के कारण इसे रद्द कर दिया गया था। चार जून को जिले में तैनात क्लर्कों का टाइप टेस्ट लिया जाएगा। db
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