नांगल चौधरी : शिक्षा विभाग के वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव ने सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या बढाने के लिए प्रवेश उत्सव कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए थे। उनके निर्देशानुसार अध्यापकों द्वारा अभिभावकों को दाखिले के लिए प्रेरित किया गया। किंतु नांगल चौधरी खंड के स्कूलों की छात्र संख्या में इजाफा नहीं हुआ।
गौरतलब है कि शिक्षण संस्थाओं में 31 मार्च को परीक्षा परिणाम घोषित करके प्रवेश प्रक्रिया आरंभ होती है। इस दौरान निजी संस्था अधिक सक्रिय होने के कारण छात्र संख्या में सरकारी स्कूल पिछड़ जाते हैं। विभाग की वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव सुरीना राजन ने पिछले साल निर्धारित शेड्यूल में बदलाव किया था। उन्होंने 23 मार्च को परीक्षा परिणाम घोषित करके प्रवेश प्रक्रिया आरंभ करने के निर्देश दिए। इसी दिन एसएमसी की मीटिंग बुलाकर डोर-टू-डोर जनसंपर्क की रूपरेखा बनाई गई। निर्धारित कार्यक्रमानुसार अध्यापक गली-मौहल्लों में जाकर अभिभावकों से दाखिला दिलवाने का आग्रह किया। किंतु सकारात्मक परिणाम नहीं मिलने के कारण छात्र संख्या निरंतर घट रही है। जिससे विभागीय योजना बेअसर साबित होने के अलावा अध्यापकों की कार्यशैली पर प्रश्नवाचक चिन्ह लगा है।
पढ़ाई के लिए स्वतंत्र हैं अभिभावक :
खंड शिक्षा अधिकारी ब्रिजेश कुमार ने बताया कि स्कूलों में दाखिला प्रक्रिया जारी है। छात्र संख्या बढ़ाने के लिए अध्यापक प्रयास कर रहे हैं। लेकिन अभी उम्मीद के मुताबिक दाखिले नहीं हुए हैं। अध्यापकों को स्वयं के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ाकर अभिभावकों को प्रेरणा देनी चाहिए।
सरकारी अध्यापक नहीं लेते पढ़ाने में रूचि :
सतबीर, प्रदीप धोलेड़ा, बाबूलाल, हरिसिंह, राजू सैनी, विनोद कुमार आदि अभिभावकों ने बताया कि अधिकांश सरकारी अध्यापक बच्चों को निजी स्कूल में पढ़ाते हैं। इससे आमजन निजी संस्थाओं को महत्व देने लगे हैं। उनका मानना है कि सरकारी संस्थाओं में बेहतर पढ़ाई होती है, तो शिक्षकों को बच्चों के दाखिले यहीं करवाने चाहिए।
विभाग की गलती से पिछड़ी छात्र संख्या :
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान अशोक यादव ने बताया कि एक अप्रैल को विभाग ने 15 दिवसीय फसली अवकाश घोषित कर दिया। इस दौरान निजी स्कूल खुले रहे। जिनके संचालकों ने घर-घर जाकर बच्चों के दाखिले किए हैं। हालांकि शिक्षक संघ ने फसली अवकाश को रद्द करने की गुहार लगाई थी। लेकिन उच्चाधिकारियों की अनदेखी के चलते निजी स्कूलों को छात्र संख्या बढाने का मौका मिल गया।
प्रयासों पर फिरा पानी
विभागीय स्कूलों में 2012 में बिना प्रवेश उत्सव कार्यक्रम दाखिले किए गए। इसके बाद 2013 तथा 2014 में निजी स्कूलों से पहले परीक्षा परिणाम घोषित करके प्रवेश प्रक्रिया आरंभ हुई है। लेकिन आंकड़ों के मुताबिक विभाग के प्रयासों पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
छात्र संख्या की स्थिति
स्कूल 2012 2013 2014
सी.सेकेंडरी 5860 6988 6858
हाईस्कूल 1823 1767 1602
मिडिल 2243 1499 1013 dbnrnl
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