चंडीगढ़ : टीचर नीड असेसमेंट (टीएनए) शिक्षा विभाग के गले की फांस बनता नजर आ रहा है। प्राइमरी व टीजीटी शिक्षकों की सहमति के बिना मूल्यांकन कराने से विभागीय अधिकारी कठघरे में हैं। शिक्षकों के तेवर नरम न पड़े तो विभाग की किरकिरी होना तय माना जा रहा है। स्कूली शिक्षा महानिदेशक की शिक्षकों को मनाने की कवायद भी औंधे मुंह गिर चुकी है। इससे शिक्षकों और विभाग के बीच टकराव कम होने के बजाए और बढ़ गया है। शिक्षकों की मूल्यांकन परीक्षा में शामिल न होने की दो टूक से अधिकारी सकते में हैं। 30 हजार प्राइमरी व 22 हजार टीजीटी शिक्षक असेसमेंट में शामिल नहीं होने का ऐलान पहले ही कर चुके हैं। विभाग के मनमाने रवैये से खफा शिक्षक संगठनों ने एकजुट होकर सबक सिखाने की रणनीति बनाई है। 26 मई को प्राइमरी व 30 मई को टीजीटी शिक्षकों के लिए तय टीएनए में एक भी शिक्षक भाग नहीं लेगा। इसके भी संकेत मिले हैं। शिक्षक संगठनों का मानना है कि शिक्षा का अधिकार कानून में शिक्षकों के लिए किसी प्रकार की मूल्यांकन परीक्षा का प्रावधान नहीं है। शिक्षा विभाग की मनमानी का मुंहतोड़ जबाव दिया जाएगा।
अव्यावहारिक फैसले का करेंगे विरोध :
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष वजीर सिंह व महासचिव सीएन भारती ने कहा है कि शिक्षा अधिकारियों का बैठकों का ड्रामा समाप्त हो चुका है। अध्यापकों ने टीएनए परीक्षा का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। सभी परीक्षा केंद्रों के बाहर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के कार्यकर्ता टीमें बनाकर विरोध करेंगे।
आखिरी दम तक लड़ेंगे मान-सम्मान की लड़ाई :
हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा है कि अध्यापकों के मान-सम्मान की लड़ाई आखिरी दम तक लड़ी जाएगी। शिक्षा विभाग अगर खुद की फजीहत नहीं कराना चाहता है तो असेसमेंट टेस्ट को रद कर दे। शिक्षक इसमें कतई भाग लेने वाले नहीं हैं। 25 मई को संघ के नारायणगढ़ में होने वाले राज्यस्तरीय अधिवेशन में आर-पार की लड़ाई की घोषणा कर दी जाएगी। dj
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.