चंडीगढ़ : हरियाणा में 2002 में चौटाला सरकार के समय भर्ती हुए 67 एचसीएस अधिकारियों की भर्ती सवालों के घेरे में है। भर्ती खारिज किए जाने की मांग संबंधी याचिकाओं पर मंगलवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि वह स्वयं आंसरशीट की जांच करेगा। हाईकोर्ट ने पांच सफल व पांच असफल रहे उम्मीदवारों की आंसरशीट देखने का फैसला किया है। जस्टिस एसके मित्तल व जस्टिस कुलदीप सिंह की खंडपीठ ने कहा कि इसके बाद इंटरव्यू में खामियों पर विचार किया जाएगा। मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।
पूर्व विधायक करन सिंह दलाल व परीक्षा में असफल रहे उम्मीदवारों को तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया कि भर्ती में बड़े स्तर पर धांधली की गई। हाईकोर्ट ने भर्ती का सारा रिकार्ड तलब कर लिया था। याची पक्ष ने रिकार्ड की पड़ताल करने के बाद कहा था कि उत्तर पुस्तिकाओं में बड़े स्तर पर कांट छांट की गई है। यही नहीं लिखित परीक्षा में ज्यादा अंक हासिल करने वाले मेधावी उम्मीदवारों को इंटरव्यू में कम अंक और चहेतों की भर्ती के लिए उन्हें लिखित परीक्षा में कम अंक होने के बावजूद इंटरव्यू में ज्यादा अंक देकर चयनित किया गया। चौटाला के राजनीतिक सलाहकार शेर सिंह बडशामी के बेटे रणधीर सिंह ने लिखित परीक्षा में चार प्रश्नों के उत्तर दिए थे लेकिन उन्हें पांच प्रश्नों के अंक दिए गए। इसी तरह उस समय आयोग के चेयरमैन केसी बांगड के रिश्तेदार को भी अनुचित लाभ पहुंचाया गया। कहा गया कि परीक्षा भवन के बाहर प्रश्नों के उत्तर लिखवाए गए। दूसरी तरफ चयनित उम्मीदवारों की तरफ से कहा गया कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद राजनीतिक रंजिश के चलते ये आरोप लगाए गए हैं। db
|
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.