कुरुक्षेत्र : यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन आर्थिक रूप से कमजोर और बेहतरीन छात्रों को शोध के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाती है, लेकिन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कर्मचारी इसको पलीता लगा रहे हैं। यूजीसी की ओर से जनवरी माह में 23 विद्यार्थियों की फेलोशिप के लगभग ढ़ाई करोड़ रुपये जारी करने के बाद भी छात्रों को नहीं दिए, जबकि स्वयं यूजीसी कुवि प्रशासन से यूटीलाइजेशन सर्टिफिकेट मांग रही है।
यूजीसी देशभर में शोध कार्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हजारों विद्यार्थियों को हर वर्ष करोड़ों रुपयों की अनुदान राशि देता है। फैलोशिप की राशि को वह सीधे विद्यार्थियों को नहीं देता। इसके लिए विद्यार्थियों को जेआरएफ पास करना होता है और किसी विश्वविद्यालय में पीएचडी या एमफिल में दाखिला लेना होता है। उसी विश्वविद्यालय में फेलोशिप की राशि भेजी जाती है। यूजीसी ने कुवि से पीएचडी करने वाले 23 विद्यार्थियों की समय पर फेलोशिप भी भेज दी, लेकिन कुवि कर्मचारियों को शायद समय पर विद्यार्थियों को फेलोशिप की राशि देनी नागवार गुजर रही है। यूजीसी की ओर से 15 जनवरी को कुवि को 2 करोड़ 16 लाख 44 हजार 281 रुपये फैलोशिप की राशि के रूप में भेजे थे। यह राशि कुवि की ओर से 23 विद्यार्थियों को जारी करनी थी, लेकिन कुवि अधिकारियों की कार्य न करने की प्रवृति के कारण चार माह तक भी राशि विद्यार्थियों को नहीं मिल पाई, जबकि स्वयं यूजीसी ने 6 मई को जारी पत्र द्वारा कुवि प्रशासन से भेजी गई राशि का यूटीलाइजेशन सर्टिफिकेट मांगा है और जल्द राशि विद्यार्थियों को जारी करने के निर्देश दिए हैं। dj
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