** विभाग का दावा, टीचरों के एसीआर व इनक्रीमेंट पर असर नहीं
चंडीगढ़ : अध्यापक संगठनों के विरोध के बावजूद शिक्षा विभाग ने हरियाणा में (टीएनए) ट्रेनिंग नीड असेसमेंट के लिए कमर कस ली है। विभाग ने इस असेसमेंट के लिए शिक्षा के अधिकार (आरटीई) को ढाल बनाया है जबकि शिक्षकों ने इसके बहिष्कार की तैयारी कर ली है।
शिक्षा विभाग के मुताबिक, टीएनए यह जानने के लिए किया जा रहा है कि शिक्षकों को किस तरह के प्रशिक्षण की जरूरत है। एससीईआरटी और भिवानी बोर्ड मिलकर यह असेसमेंट करवाएंगे। प्राइमरी अध्यापकों के लिए असेसमेंट की तिथि 26 मई और मास्टर काडर के लिए 30 मई निर्धारित की गई है। उधर, अध्यापकों ने इस प्रक्रिया का विरोध शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि इस तरह के असेसमेंट की कोई आवश्यकता नहीं है। हालांकि विभाग का तर्क है कि इसके लिए किसी अध्यापक को दंडित नहीं किया जाएगा। अध्यापकों के इनक्रीमेंट और एसीआर का इस टेस्ट से कोई लेना देना नहीं है। इसका उद्देश्य शिक्षा प्रणाली को रुचिकर और लाभदायक बनाना है।
"मेरी तरफ से शिक्षकों से यह अपील है कि वे शिक्षा की गुणवत्ता के प्रति समर्पित हों। अफवाहों पर गौर करने की बजाए वास्तविकता पर ध्यान दें। यह कोई टेस्ट नहीं है। न ही इसका अध्यापकों की एसीआर और इनक्रीमेंट पर कोई असर पड़ेगा।"--सुरीना राजन, प्रधान सचिव, शिक्षा विभाग, हरियाणा।
आरटीई का लिया सहारा
शिक्षा विभाग के मुताबिक, आरटीई के नियम 19(2) में यह प्रावधान है कि रोल एंड रिस्पांसिबिलिटी ऑफ टीचर के तहत अध्यापक को प्रत्येक ट्रेनिंग और सर्वेक्षण में भाग लेना होगा। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है। au
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