** गेस्ट फैकल्टी का रिकॉर्ड तैयार होने के बाद उनकी कार्यकुशलता भी परखी जाएगी
नियुक्ति के समय से ही भविष्य को लेकर आश्वस्त नहीं रहे गेस्ट टीचरों के लिए चिंता फिर से बढऩे वाली है। शिक्षा विभाग ने एक बार फिर से उनकी 'कुंडली' देखना शुरू कर दिया है। विभाग ने सभी जिलों में कार्यरत गेस्ट फैकल्टी का रिकार्ड मांगना शुरू कर दिया है। प्राप्त डाटा के बाद उनकी कार्यकुशलता भी परखी जाएगी। फिर उसकी रिपोर्ट बनेगी और तय किया जाएगा कि उनके कार्यकाल में वृद्धि हो या नहीं। गेस्ट टीचर की नियुक्ति को आठ से अधिक वर्ष बीत चुके हैं।
विभागीय जानकारी के अनुसार 21 मई को स्कूल एजुकेशन के डायरेक्टर की ओर से प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी किया गया। पत्र में कहा गया है कि जिले में गेस्ट फैकल्टी की अपडेट की गई जानकारी और संख्या की जानकारी विभाग को भेजी जाए। इसके लिए एक निर्धारित परफॉर्मा भी विभाग की ओर से भेजा गया है। पत्र में निर्देश जारी किए गए हैं कि इसकी विस्तृत जानकारी विभाग को भेज दी जाए। सूत्र बताते हैं कि इस परफार्मा में गेस्ट फैकल्टी का नाम, जन्म तिथि, मोबाइल नंबर, कब से ड्यूटी पर लगे है, कैटेगरी, शैक्षणिक योग्यता, ड्यूटी कहा हैं आदि जानकारी मागी गई है। इसके अलावा गेस्ट टीचर का एचटेट पास हो चुका है तो उसकी जानकारी।
इसलिए बढ़ी है चिंता
शिक्षा विभाग ने हाल ही में प्राइमरी स्कूलों का विलय किया है। जिससे जहां पहले इन स्कूलों में स्टाफ कम था तो वहीं काफी जगह सरप्लस की स्थिति भी बन गई है। ऐसे में गेस्ट टीचर की भूमिका को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
गेस्ट टीचरों पर पड़ेगा असर
प्रदेश सरकार की ओर से गेस्ट टीचर को लेकर किसी भी रणनीति बनाने का सीधा असर प्रदेश भर में कार्यरत 15 हजार गेस्ट टीचरों पर पड़ेगा। dbsnpt
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