हिसार : राजकीय विद्यालयों से भावी वैज्ञानिक तैयार करने की शिक्षा विभाग की योजनाएं केवल कागजों में ही सिमट रही है। कई प्रयोगशालाओं में शिक्षक आज भी पुराने ढर्रे पर ही विद्यार्थियों को प्रयोग करवा रहे है या फिर प्रयोगशालाओं के दरवाजे तो विद्यार्थियों के लिए खुलते है लेकिन उनमें प्रयोग नहीं हो पा रहे। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए अब शिक्षा विभाग ने खंड स्तर पर विज्ञान शिक्षकों को लैब में प्रयोग होने वाले आधुनिक उपकरण और आधुनिक तकनीक के बारे में जानकारी देने के लिए प्रपोजल तैयार कर रहा है। इसके तहत शिक्षकों को खंड स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि विद्यार्थियों को नियमित प्रयोगशालाओं में प्रैक्टिकल करवाई जा सके। यह फैसला शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों ने विज्ञान प्रयोगशालाओं के निरीक्षण में मिली खामियों के बाद लिया है। शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों ने नवंबर 2013 से अब तक कई स्कूलों की लैब का निरीक्षण किया। लैब जांच के दौरान उपकरण देखे, विद्यार्थियों और शिक्षकों से प्रयोग के बारे में बातचीत की। बातचीत व लैब के उपकरण का निरीक्षण करने में अधिकारियों के सामने कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। कई स्कूलों में तो विज्ञान के प्रयोग के लिए सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) द्वारा प्रयोग के लिए भेजी गई किट खोली ही नहीं गई। इसके अलावा कई शिक्षक ऐसे मिले जिन्होंने कुछ चुनिंदा प्रयोग रट रखे है और सभी प्रयोग करवाने की बजाए विद्यार्थियों को अपनी पसंद के ही कुछ प्रयोग करवा देते है। इसके अलावा कई प्रयोगशालाओं की स्थिति बहुत खराब है। उनकी नियमित देखभाल ही नहीं हो रही है।
किट में ये हैं उपकरण
विज्ञान शिक्षिका चित्रा ने बताया कि किट में सूक्ष्मदर्शी यंत्र, थर्मामीटर, मैग्नेट, विभिन्न प्रकार के लेंस, स्प्रिंग, वेट मापक उपकरण सहित कई उपकरण होते हैं।
किट मिली बंद
"निरीक्षण के दौरान उन्हें कई स्कूल ऐसे मिले है। जिन्होंने एसएसए लैब के लिए भेजी गई किट को खोलकर ही नहीं देखा है। इसके अलावा कई शिक्षकों ने उन किट के सभी उपकरणों के प्रयोग में अभिज्ञता प्रकट की है। ऐसे में यदि उन्हें प्रशिक्षण दिया जाए तो शिक्षकों के साथ विद्यार्थियों के लिए भी यह लाभदायक होगा।"--पूर्णिमा गुप्ता, जिला विज्ञान विशेषज्ञ।
यह है योजना
उप जिला शिक्षा अधिकारी देवेंद्र सिंह ने बताया कि नई नियुक्ति वाले शिक्षकों व लंबे समय से विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे विज्ञान शिक्षकों को सभी खंड पर दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान विशेषज्ञ बुलाए जाएंगे जो उन्हें आधुनिक उपकरण और तकनीक के बारे में जानकारी दे सके। प्रशिक्षण शिक्षकों को ग्रुप में दिया जाएगा। इसके बाद ग्रुप में प्रत्येक सीखे प्रयोग को अपने साथी शिक्षकों के सामने करके दिखाएंगे ताकि उन्हें उसके संबंध में पूरी जानकारी हो जाए। यदि कोई कमी रहे तो उसे मौके पर ही दूर करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि नवंबर से अब तक करीबन 25 लैब का निरीक्षण किया, जिसमें ये खामियां पाई गई है, जिन्हें दूर करवाया जाएगा। dbhsr
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