कैथल : औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के अधीन राजकीय व्यवसायिक शिक्षण संस्थानों (वीइआइ)के कर्मचारियों को अब शिक्षा विभाग में समायोजन की तैयारी चल रही हैं। हालांकि अभी तक मुख्यालय के कर्मचारियों को समायोजन बारे कहा गया है, लेकिन भविष्य में दूसरे कर्मचारियों को इसमें सम्मिलित किया जा सकता है।
वहीं, दूसरी ओर वीइआइ कर्मचारियों ने शिक्षा विभाग में जाने से इन्कार कर दिया है। उनका कहना है कि यदि विभाग ने उन पर शिक्षा विभाग में जाने के लिए दबाव बनाया तो वे अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। शिक्षा विभाग ने अभी तक मुख्यालय के विभिन्न वर्ग के 49 कर्मचारियों के समायोजन के आदेश जारी किए थे, लेकिन इसके विरोध में कर्मचारियों ने अदालत में याचिका दायर कर दी है। अदालत ने फिलहाल कर्मचारियांे को स्टे नहीं दिया है और मामले की सुनवाई नवंबर तक स्थगित कर दी है। गौरतलब है कि 2008 में प्रदेश सरकार ने प्रदेश में चलाए जा रहे 99 व्यवसायिक शिक्षण संस्थानों को बंद कर इसमें कार्यरत 850 कर्मचारियों को विभिन्न विभागों में समायोजित कर दिया था। इनमें से शिक्षा विभाग में करीब 500, पोलीटेक्निक में 45। इस प्रकार से शेष बचे करीब 350 कर्मचारियों को राजकीय आईटीआई में समायोजित किया गया था।
खास बात यह रही है कि इन कर्मचारियों को वरिष्ठता सूची से बाहर रखा गया है। इससे ये कर्मचारी स्वयं को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार व विभाग उनकी भावनाओं से खिलवाड़ कर रहा है। dj
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