नई दिल्ली : सरकार की महत्वाकांक्षी आधार कार्ड योजना को सुप्रीम
कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। शीर्ष न्यायालय ने कहा है कि सरकार पीडीएस
योजना, एलपीजी सब्सिडी और केरोसिन वितरण में आधार
कार्ड का इस्तेमाल कर सकती है। लेकिन सभी सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के
लिए आधार कार्ड अनिवार्य नही होगा।
आधार के लिए एकत्र की जा रही निजी
सूचना और बायोमीटिक पहचान व्यक्ति के निजता के अधिकार का हनन है या नहीं,
यह अब सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ तय करेगी। मंगलवार को न्यायमूर्ति जे
चेलमेश्वर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने मंगलवार को आधार कार्ड की
वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया।
तब तक सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में आधार की अनिवार्यता नहीं होगी। कोर्ट
ने मामले की फाइल मुख्य न्यायाधीश के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया ताकि
वह सुनवाई के लिए उचित पीठ का गठन कर सकें। सरकार की ओर से पेश अटार्नी
जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि 90 फीसद लोग आधार कार्ड बनवा चुके हैं। आधार
से समाज कल्याण की विभिन्न योजनाओं में गड़बड़ी का अंदेशा कम होगा। निजता
का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है और सुप्रीम कोर्ट की संविधानपीठ ने बहुमत
से दिए फैसले में यह कहा है। हालांकि बाद में छोटी पीठों ने इससे विपरीत
फैसले दिए हैं। इसलिए निजता के अधिकार का मसला संविधान पीठ को भेजा जाए
ताकि स्थिति साफ हो सके। dj
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